![बिलासपुर का अरपा पुल अब कहलाएगा 'रामसेतु', 100 साल पहले अंग्रेजों ने कराया था निर्माण बिलासपुर का अरपा पुल अब कहलाएगा 'रामसेतु', 100 साल पहले अंग्रेजों ने कराया था निर्माण](https://c.ndtvimg.com/2024-01/eritjvno_bilaspur-ramsetu_625x300_22_January_24.jpg?downsize=773:435)
Bilaspur Ramsetu : पूरा देश भगवान राम (Shree Ram) की भक्ति में डूबा हुआ है. ऐसे में छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) का बिलासपुर (Bilaspur) जिला कैसे पीछे रहता. अयोध्या (Ayodhya) में बन रहे राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Ramlala Pran Pratishtha) संपन्न हो चुकी है. उत्साह और हर्षोल्लास के बीच बिलासपुर में अरपा नदी पर बने एक पुल का नाम बदल दिया गया है. अरपा नदी पर अंग्रेजों के शासनकाल में बने करीब 100 साल पुराने अरपा पुल को अब 'रामसेतु' (Ramsetu) के नाम से जाना जाएगा.
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100 साल पहले अंग्रेजों ने करवाया था निर्माण
बिलासपुर की जीवनदायिनी अरपा नदी पर इस पुल को लगभग 100 साल पहले अंग्रेजों ने बनवाया था, जिसे लोग अरपा पुल के नाम से जानते थे. लेकिन स्थानीय पार्षद की पहल पर 22 जनवरी के ऐतिहासिक दिन पर इस पुल का नाम बदलकर 'रामसेतु' किया गया है. अरपा नदी पर बना यह पुल दशकों से राहगीरों को नदी के आर-पार जाने के काम आ रहा है. इस पुल को नगर निगम की ओर से एमआईसी की बैठक में प्रस्तावित कर रामसेतु नाम दिया गया है.
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शहर में कई जगह किया गया भंडारों का आयोजन
इस पुल पर बड़े-बड़े पाइपों पर रामायण और रामचरितमानस के दोहे और चौपाइयां लिखी गई हैं ताकि इस पर से गुजरने वाले लोग इन उपदेशों को अपने जीवन में उतार सकें. अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक दिन को यादगार बनाने के लिए स्थानीय समितियों ने बिलासपुर शहर में कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जिससे पूरा जिला राममय हो गया. शहर में कहीं रैली तो कहीं रंगोली प्रतियोगिता के साथ भंडारे का आयोजन भी कराया गया.