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This Article is From Jan 26, 2024

Chhattisgarh: समाज सेवा के लिए जीवन समर्पित करने वाले इन 3 विभूतियों को मिलेगा पद्मश्री सम्मान, CM ने दी बधाई

Padma Shri Samman: छत्तीसगढ़ की 3 विभूतियों को पद्मश्री सम्मान मिलेगा. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि इन तीनों विभूतियों ने अपने-अपने क्षेत्र में अपने उल्लेखनीय कार्य से राष्ट्रीय स्तर छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित किया है.

Chhattisgarh: समाज सेवा के लिए जीवन समर्पित करने वाले इन 3 विभूतियों को मिलेगा पद्मश्री सम्मान, CM ने दी बधाई

Padma shri award: भारत सरकार ने देश के 110 विभूतियों को पद्मश्री (Padma shri award) सम्मान दिए जाने का ऐलान किया है. जिसमें छत्तीसगढ़ के रायगढ़ के कथक नर्तक पंडित राम लाल बरेठ, नारायणपुर के वैद्यराज हेमचंद मांझी और जशपुर के जागेश्वर यादव का नाम शामिल हैं. पंडित राम लाल बरेठ को कला क्षेत्र में, वैद्यराज हेमचंद मांझी को चिकित्सा क्षेत्र में तथा जागेश्वर यादव को समाज सेवा के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय सेवाओं के लिए पद्मश्री सम्मान प्रदान किया जाएगा.  

राष्ट्रीय स्तर छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित किया है

मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) ने पंडित राम लाल बरेठ, जागेश्वर यादव और वैद्यराज हेमचंद मांझी को इस गौरवपूर्ण उपलब्धि के लिए बधाई दी. मुख्यमंत्री ने कहा है कि विशेष पिछड़ी जनजाति बिरहोर एवं पहाड़ी कोरवा की भलाई के लिए जागेश्वर यादव ने अपना जीवन समर्पित कर दिया. मुख्यमंत्री ने पद्मश्री सम्मान के लिए जागेश्वर यादव के चयन पर प्रसन्नता जताते हुए उन्हें फोन करके बधाई दी. मुख्यमंत्री ने वैद्यराज हेमचंद मांझी द्वारा नारायणपुर के अबूझमाड़ इलाके में पारंपरिक औषधि जड़ी-बूटी से बीते पांच दशकों से जरूरतमंद लोगों का इलाज को उनकी सेवा का प्रतिफल कहा है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि इन तीनों विभूतियों ने अपने-अपने क्षेत्र में अपने उल्लेखनीय कार्य से राष्ट्रीय स्तर छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित किया है.  

जानिए इनके बारे में 

जशपुर के जागेश्वर यादव की प्रसिद्धि बिरहोर के भाई के रूप में है. आदिवासी कल्याण कार्यकर्ता यादव ने अपना पूरा जीवन बिरहोर और पहाड़ी कोरवा जनजाति के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया है. उन्होंने जशपुर में आश्रम की स्थापना की और निरक्षरता उन्मूलन और स्वास्थ्य सेवा के मानकों को बेहतर बनाने का काम किया है. नारायणपुर के हेमचंद मांझी ख्याति प्राप्त वैद्य हैं. वह 15 साल की उम्र से ही अपने पारंपरिक औषधि ज्ञान से जरूरतमंद लोगों का इलाज कर रहे हैं. विभिन्न बीमारियों से पीड़ित लोगों से वह इलाज के लिए बहुत कम राशि लेते हैं. जब उनकी उम्र 15 वर्ष की थी, तभी से वह जरूरतमंदों की चिकित्सा कर रहे हैं.अबूझमाड़ के जंगलों में पाई जाने वाली जड़ी-बूटियों का उन्हें विशेष ज्ञान है.

कथक के मूर्धन्य नर्तक पंडित राम लाल बरेठ ने कला के लिए अपना जीवन समर्पित किया है. रायगढ़ के रहने वाले पंडित राम लाल बरेठ के पिता कार्तिक राम बरेठ भी कथक के मूर्धन्य नर्तक रहे हैं. पंडित राम लाल बरेठ को संगीत नाटक अकादमी द्वारा भी पुरस्कृत किया गया है. 

छत्तीसगढ़ में अब तक 29 लोगों को पद्मश्री सम्मान

बता दें कि साल 1976 से लेकर 2023 तक छत्तीसगढ़ में 26 लोगों को पद्मश्री (Padma shri award) सम्मान मिल चुका है. पंडित राम लाल बरेठ, जागेश्वर यादव और वैद्यराज हेमचंद मांझी का नाम पद्मश्री के लिए घोषित होने पर पद्मश्री सम्मान से विभूषित होने वालों की संख्या 29 हो गई है. 

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इन्हें मिला है तीनों पद्म सम्मान

विश्व विख्यात पंडवानी गायिका तीजन बाई छत्तीसगढ़ की एक मात्र ऐसी हस्ती है, जिन्हें भारत सरकार द्वारा भारतीय नागरिकों को दिया जाने वाला तीनों पद्म सम्मान मिला है. तीजन बाई को लोक गायन (पंडवानी) के क्षेत्र में उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए वर्ष 1988 में पद्मश्री, वर्ष 2003 में पद्म भूषण तथा वर्ष 2019 में पद्म विभूषण सम्मान से नवाजा गया है.  

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