
छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के पत्थलगांव शहर से होकर गुजरने वाली कटनी गुमला NH-43 का निर्माण कार्य बीते 15 सालों से अधूरा पड़ा है. वहीं पत्थलगांव से कुनकुरी तक लगभग 60 कि.मी.की इस मुख्य सड़क पर जानलेवा गड्ढों से बीते एक साल में दुर्घटना के 65 मामले सामने आए जिसमें 55 लोगों की जान जा चुकी है. जबकि सौ से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं.

सड़क पर जगह-जगह गड्ढे बने हुए हैं.
दरअसल, डेढ़ दशक पहले पत्थलगांव से कुनकुरी तक 700 करोड़ रुपये की लागत से सड़क निर्माण का कार्य किया जाना था, लेकिन निर्माण एजेंसी बीच में ही सड़क निर्माण कार्य को अधूरा छोड़ दिया. वहीं एन एच विभाग द्वारा इस निर्माण एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड कर बीते 15 सालों से सिर्फ मरम्मत कार्य करा कर वाहनों को चलने योग्य बनाया गया.

मुख्य सड़क पर बारिश के दिनों में जानलेवा गड्ढे बने
हालांकि मुख्य सड़क पर बारिश के दिनों में जानलेवा गड्ढे और बाकी समय बेतहाशा उड़ने वाली धूल हो जाती है. इतना ही नहीं आए दिन सड़क दुर्घटनाएं भी होती रहती है.
इस शहर के आम नागरिक सैकड़ों बार चक्काजाम कर चुके हैं, लेकिन हर बार प्रशासनिक अधिकारी आश्वासन देकर नागरिक को शांत करा देते हैं.
स्थानीय निवासी सुनील शर्मा ने एनडीटीवी से बताया कि 40 साल के कार्यकाल वाले हमारे पास विधायक और 15 साल के कार्यकाल वाले सांसद हैं. दोनों पार्टियां यहां से आती और जाती है, लेकिन इस सड़क पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है. सड़क पर आए दिन जाम लगते हैं. सड़क की हालात खराब है. नेता चुनाव के दौरान आते हैं तो सिर्फ वादे करते, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है.
बारिश के दिनों में इस सड़क की बदहाली बढ़ जाने से आए-दिन वाहनों का लम्बा जाम लग जाता है. वहीं पत्थलगांव शहर में लगातार वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों को भी भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं पत्थलगांव जशपुर मार्ग और अम्बिकापुर मार्ग पर सड़क की बदहाली से वाहन चालकों और पैदल चलने वाले राहगीरों की भी मुश्किलें बढ़ गई है.
इतना ही नहीं इस अंचल के दो दर्जन गांव के नागरिकों ने मुख्य सड़क की बदहाली देखते हुए सांसद और विधायकों को भी बदल कर देख लिया है, लेकिन इस सड़क की हालत आज भी सुधर नहीं पाई है.
संदीप गुप्ता एनडीटीवी से बताते हैं कि हमलोग कई बार आंदोलन कर चुके हैं, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन मिलता है कि 15 दिन में काम शुरू होगा, लेकिन होता नहीं है. पैदल आने जाने वाले लोगों और स्कूली बच्चों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. सड़क खराब होने की वजह से हमारे कारोबार पर भी गहरा असर पड़ा है.