Agriculture News: सरगुजा और जशपुर के बाद अब कोरिया की रसीली लीची (Lychee) का स्वाद भी आप ले सकेंगे. सोरगा और चेरवापारा की रोपणी में लीची के पेड़ फलों से लदे हुए नजर आ रहे हैं. इस साल यहां लीची के अच्छे उत्पादन की संभावना है. जिले में अनुकुल जलवायु (Climate) और बेहतर मिट्टी (Soil) से लीची का उत्पादन (litchi Production) संभव हो सका है. उद्यानिकी विभाग (Horticulture Departmnet) की पहल से अब किसान (Farmers) भी लीची के उत्पादन में रूचि ले रहे हैं.
मुज्जफरपुर की शाही लीची का तो जवाब हीं नहीं
देश ही नहीं पूरी दुनिया में बिहार के मुज्जफरपुर (Shahi Litchi Muzaffarpur) की शाही लीची (Shahi Litchi) प्रसिद्ध है. यहां की लीची अपने बेजोड़ स्वाद के लिए जानी व पहचानी जाती है. कोरिया जिले में ज्यादातर फल व्यापारी पटना व मुज्जफरपुर से लीची लाते हैं. इसके साथ ही जशपुर और सरगुजा (अंबिकापुर) से भी लीची यहां पहुंचती है.
लीची के उत्पादन के लिए अनुकूल है यहां की जलवायु
नर्सरी (Government Plant Nursery) प्रक्षेत्र में आम के 50 से ज्यादा पेड़ों पर फल आ गए हैं. इनसे अच्छी उत्पादन की संभावना है. आसपास के गांवों में भी आम की पैदावार अच्छी हुई है. इससे किसानों को फायदा होगा. आम (Mango) और लीची की नीलामी को लेकर उद्यानिकी विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है. कृषि वैज्ञानिक (Agricultural Expert Scientist) विजय अनंत ने कहा कि जिले की जलवायु लीची के उत्पादन के लिए अनुकूल है.
लीची और आम की अच्छी पैदावार: उप संचालक
उद्यानिकी विभाग के उप संचालक विनय त्रिपाठी ने कहा कि जिले में पहले अंबिकापुर से लीची पहुंचती थी, अब जिले में उत्पादन शुरू किए हैं. सोरगा नर्सरी में 32 पेड़ हैं, एक पेड़ से 100 किलाे उत्पादन होने का अनुमान है, 50 हेक्टेयर में किसानों से आम के पेड़ भी लगवाए हैं. आम के लिए 100 हेक्टेयर का लक्ष्य मिला था, आने वाले सालों में यहां लीची और आम का अच्छा उत्पादन होने की संभावना है.
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