Bulldozer Action in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के शिमला कहें जाने वाले मैनपाट (Mainpat) में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण (Encroachment on Government Land) के खिलाफ जिला प्रशासन (District Administration) ने कार्रवाई करते हुए 35 एकड़ शासकीय भूमि कब्जा (Encroachment Free) मुक्त करा दिया है. इस दौरान शासकीय भूमि में बने मकान व बाउंड्री वॉल को जेसीबी (JCB) से तोड़ दिया गया. प्रशासन के अचानक हुए इस कार्यवाही को लेकर भूमाफियाओं में हड़कंप मच गया है. इससे पहले हुई कार्यवाही में जिला प्रशासन द्वारा 318 एकड़ शासकीय भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया था.
क्या है मामला?
बताया जा रहा है कि मैनपाट क्षेत्र में कांग्रेस शासन काल में लगभग 1 हजार एकड़ शासकीय भूमि कब्जा किया गया है जिसे लेकर वर्तमान सरकार एक्शन मोड में है. मैनपाट के ग्राम कुनिका में 10 लोगों के द्वारा लगभग 35 एकड़ शासकीय भूमि जोकि प्लांटेशन मद का है उसे अवैध तरीके से कब्जा कर लिया गया था. कब्जा भूमि में अतिक्रमण कार्यों ने बाउंड्री वॉल व अन्य निर्माण कार्य भी करवाया गया था. एसडीएम सीतापुर के द्वारा शासकीय भूमि में अवैध कब्जा को लेकर कब्जाधारियों को नोटिस जारी कर जबाब भी मांगा गया था. लेकिन कोई जबाब नहीं आने के कारण जिला प्रशासन व पुलिस टीम की मौजूदगी में आज 35 एकड़ भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया है.
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एक्शन होता रहेगा : SDM
इस कार्यवाही को लेकर क्षेत्र के एसडीएम रवि राही ने बताया कि मैनपाट के ग्राम कुनिका में 35 एकड़ शासकीय भूमि में लम्बे समय से अतिक्रमण कुल 10 लोगों ने किया था जिसे पुनः शासन ने अपने कब्जे में ले लिया है. उन्होंने ने बताया कि मैनपाट क्षेत्र में अवैध शासकीय भूमि में कब्जाधारियों पर कार्रवाई चलते रहेगी. उन्होंने ने बताया कि पहले चरण में मैनपाट में 318 एकड़ शासकीय भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया था और दूसरे चरण में 36 एकड़ शासकीय भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया है. उन्होंने ने बताया कि शासन के आदेश के तहत मैनपाट में यह कार्यवाही निरंतर चलते रहेगी.
एक हजार एकड़ शासकीय भूमि में कब्जे का है अनुमान
मैनपाट टूरिज्म के हिसाब से काफी महत्वपूर्ण स्थान माना जाता रहा है यही कारण है कि पूर्व के कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में मैनपाट में लगभग 1 हजार एकड़ शासकीय भूमि का घोटाला सामने आया था. भूमाफियाओं के द्वारा शासकीय भूमि का फर्जी तरीके से पट्टा बनाकर अपने नाम कर लिया गया था. जिसकी शिकायत होने के बाद इस मामले में सीतापुर के बीजेपी (BJP) व कांग्रेस (Congress) दोनों दलों के कुछ नेताओं पर मामला दर्ज भी हुआ और उन्होंने जेल भी जाना पड़ा था तभी से मैनपाट शासकीय भूमि घोटाला को लेकर चर्चा में रहा है.
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