Railway News: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री (Chief Minister of Chhattisgarh) विष्णु देव साय (CM Vishnu Deo Sai) ने आज नई दिल्ली में रेल मंत्री (Rail Minister) अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) से मुलाकात कर राज्य की विभिन्न नई रेल परियोजनाओं (Railway Projects) पर चर्चा की. रेल भवन (Rail Bhawan) में हुई बैठक में सीएम साय ने राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए रेल नेटवर्क (Rail Network) के विस्तार की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने इस दौरान राज्य की चार प्रमुख रेल परियोजनाओं धर्मजयगढ़-पत्थलगांव-लोहरदगा (Dharmajaygarh-Pathalgaon-Lohardaga New Rail Line Project) नई लाइन परियोजना, अंबिकापुर-बरवाडीह नई लाइन परियोजना (Ambikapur-Barwadih New Rail Line Project), खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा नई रेल लाइन परियोजना (Kharsia-Naya Raipur-Parmalkasa New Rail Line Project) और रावघाट-जगदलपुर नई रेल लाइन परियोजना (Raoghat-Jagdalpur New Rail Line Project) को जल्द शुरू करने का आग्रह किया.
आज नई दिल्ली में केन्द्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव जी के साथ छत्तीसगढ़ की 4 नई रेल परियोजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। जिस पर डीपीआर तैयार होने की जानकारी रेल मंत्री जी ने दी है और आने वाले समय में ये 4 नई रेल लाइन छत्तीसगढ़ को मिलने वाली है।@AshwiniVaishnaw pic.twitter.com/K9azgCaDnU
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) July 17, 2024
क्यों खास है ये प्रोजेक्ट?
► धर्मजयगढ़-पत्थलगांव-लोहरदगा नई लाइन परियोजना (240 किमी)
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह परियोजना क्षेत्र के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है. यह पत्थलगाँव, कुनकुरी, जशपुर नगर, गुमला आदि महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ती है. यह उत्तरी छत्तीसगढ़ को झारखंड से जोड़ेगी. इस परियोजना के माध्यम से औद्योगिक (कोरबा) क्षेत्र को लोहरदगा से जोड़ने की योजना है. इसके अलावा यह क्षेत्र को पूर्व में कोरबा और रांची के होकर मध्य भारत से जोड़ेगी. परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 16,000 करोड़ रुपए है.
► अंबिकापुर-बरवाडीह नई लाइन परियोजना (200 किमी)
इस परियोजना की मांग आजादी से पहले 1925 में की गई थी. हालांकि, 1948 में मंजूरी मिलने के बावजूद यह परियोजना अब तक अधूरी रही. मुख्यमंत्री ने बताया कि यह परियोजना अंबिकापुर (उत्तरी छत्तीसगढ़) को बरवाडीह (झारखंड) से जोड़ेगी और परसा, राजपुर, चंदनपुर आदि महत्वपूर्ण शहरों को कनेक्ट करेगी. इस परियोजना के माध्यम से देश के उत्तरी और पूर्वी हिस्से में कोयला और अन्य खनिजों के परिवहन के लिए वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा. परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 9000 करोड़ रुपए है.
आज नई दिल्ली में केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव जी से मुलाकात हुई। छत्तीसगढ़ में अंबिकापुर-बरवाडीह, खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा, रावघाट-जगदलपुर एवं धरमजयगढ़-पत्थलगांव-लोहरदगा रेल परियोजनाओं को जल्द से जल्द स्वीकृत किये जाने की दिशा में चर्चा हुई। जिस पर रेल मंत्री जी ने… pic.twitter.com/z8k9UYAfe9
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► खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा नई रेल लाइन परियोजना (277 किमी)
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह परियोजना देश के पश्चिमी क्षेत्र में एसईसीएल और एमसीएल कोयला क्षेत्रों की निकासी के लिए एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करती है. यह बिलासपुर और रायपुर स्टेशनों को बायपास करते हुए बलौदाबाजार क्षेत्र को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी. परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 8000 करोड़ रुपए है.
► रावघाट-जगदलपुर नई रेल लाइन परियोजना (140 किमी)
रेलवे पहले से ही दल्ली-राजहरा-रावघाट 95 किमी नई रेलवे लाइन का निर्माण कर रही है. मुख्यमंत्री साय ने सुझाव दिया कि इस लाइन को जगदलपुर तक बढ़ाया जाए, ताकि आदिवासी क्षेत्र का आर्थिक और सामाजिक विकास किया जा सके. यह परियोजना छत्तीसगढ़ के खनिज समृद्ध क्षेत्र से इस्पात उद्योगों तक लौह अयस्क की निकासी के कुशल और पर्यावरण अनुकूल साधन प्रदान करेगी. इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 3500 करोड़ रुपए है.
आज हुई बैठक के दौरान केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इन परियोजनाओं की संभावनाओं और लाभों को स्वीकार किया और इन पर तेजी से काम करने का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं छत्तीसगढ़ के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं और रेलवे मंत्रालय इन्हें प्राथमिकता देगा.
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