Chhattisgarh News in Hindi : छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कोरिया (Koriya) जिले में शिशु संरक्षण माह के तहत बच्चों को वैक्सीनेशन करने का अभियान जारी है. इस बीच, भारी बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर हैं, जिससे टीकाकरण अभियान को चलाना चुनौतीपूर्ण हो गया है. इसके बावजूद, मेडिकल स्टाफ ने अपने कर्तव्यों को निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. ऐसी ही एक प्रेरणादायक तस्वीर कोरिया जिले के पंचायत मुगुम से सामने आई है, जहां महिला स्वास्थ्य कर्मी रत्ना सिंह बच्चों को टीका लगाने के लिए नाले को पार कर गांव पहुंचीं.
गांव वालों की मजबूरी
रत्ना सिंह जो उप स्वास्थ्य केंद्र बारी में कार्यरत हैं.... वो मुगुम के आश्रित ग्राम कांसाबहरा में बच्चों को टीका लगाने के लिए नदी-नाले को पारकर गईं. उन्होंने एक हाथ में डंडा थाम रखा था, जिससे नाले में पानी की गहराई नापती हुई आगे बढ़ रही थीं. दूसरे हाथ में सैंडल और कंधे में वैक्सीन बॉक्स लटका रखा था. रत्ना सिंह कमर से ऊपर तक बहते पानी को पारकर गांव पहुंचीं और बच्चों को टीका लगाया.
कब तक चलेगा टीकाकरण ?
शिशु संरक्षण माह 19 जुलाई से प्रारंभ हुआ है और 23 अगस्त तक चलेगा. इस दौरान, 6 महीने से 5 साल तक के 24,432 बच्चों को टीका लगाया जाना है. प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को टीकाकरण और खुराक देने का लक्ष्य रखा गया है. कोरिया जिले के कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग को शिशु संरक्षण माह को बहुत ही जिम्मेदारी से निभाने के निर्देश दिए हैं.
टीकाकरण के अतिरिक्त सेवाएं
रत्ना सिंह ने कहा कि बच्चों को टीका लगाने के बाद पांच ग्रामीणों के आयुष्मान कार्ड भी बनाए. साथ ही, इस अभियान के तहत बच्चों में आंख से संबंधित रोगों जैसे मोतियाबिन्द, रतौंधी, बिटॉट स्पॉट और खून की कमी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. बच्चों को विटामिन ए सिरप और आयरन फोलिक एसिड सिरप भी दिया जा रहा है.
इलाज के लिए कठिनाइयां
कांसाबहरा जैसे पहुंच विहीन गांवों में नेटवर्क की समस्या के कारण मेडिकल स्टाफ को टीकाकरण की एंट्री उप स्वास्थ्य केंद्र बारी में ही करनी पड़ती है. गांव में जाने के लिए कोई पक्का रास्ता नहीं है, सिर्फ कच्ची और पथरीली पगडंडियां हैं.
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प्रशासन ने दिए जरूरी निर्देश
कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को पोषण आहार और गरम भोजन देने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को शिशुओं को निर्धारित सेवाएं दी जाएंगी. इस अभियान में बच्चों को विटामिन ए सिरप, आयरन फोलिक एसिड सिरप, वजन मापना और पोषण आहार की जानकारी दी जाएगी. अति गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्रों में भर्ती करना भी शामिल है.
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