![Ambikapur: रिहायशी इलाके में हाथियों के दिखने से फैली दहशत, वन विभाग ने घर से ना निकलने के लिए करवाई मुनियादी Ambikapur: रिहायशी इलाके में हाथियों के दिखने से फैली दहशत, वन विभाग ने घर से ना निकलने के लिए करवाई मुनियादी](https://c.ndtvimg.com/2024-03/jgatib6g_bhopal_625x300_09_March_24.jpg?downsize=773:435)
Fear of elephants in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के अंबिकापुर (Ambikapur) में इन दिनों हाथियों का खौफ बना हुआ है. बताया जा रहा है कि परिक्षेत्र मैनपाट में इन दिनों जशपुर (Jashpur) की ओर से भटककर पहुंचे दो जंगली हाथी पहुंच गए हैं. जिससे पूरे क्षेत्र में भय का माहौल बन गया है. शाम होते ही ये जंगली हाथी बस्तियों की ओर रुख करने लगे हैं जिसके कारण वन विभाग ने ग्रामीणों को घर से नहीं निकलने के लिए मुनियादी भी करवाई है.
हाथियों के दिखने से मच गया हड़कंप
शुक्रवार को दिन भर ग्राम मुसाखोल से लगे जंगल में डटे रहने के बाद रात को लगभग 9 बजे असकरा मार्ग से होकर ये हाथी रिहायशी इलाके में आ गए. इसके बाद से पूरे क्षेत्र में एकदम से हड़कंप मच गया. आनन-फानन में लोगों ने इसकी जानकारी वन विभाग को दी, जिसके बाद वन विभाग का हाथी नियंत्रण दस्ता मौके पर पहुंचा और हाथियों को किसी तरह से रिहायशी इलाके से बाहर निकाला गया.
वन विभाग ने लगाई आवाजाही पर रोक
वन विभाग की माने तो हाथियों के मुख्य मार्ग पर आ जाने से निगरानी में जुटे वन और पुलिस विभाग के अमले ने लोगों को सतर्क करते हुए उनकी आवाजाही पर रोक लगा दी है. रात को लगभग दस से 12 बजे तक हाथी ग्राम पंचायत असकरा और मलतीपुर से मात्र 500 मीटर की दूरी पर पहुंच गए.
पहले भी मचाया था हाथियों ने आतंक
वन और पुलिस विभाग का अमला टार्च जलाकर हाथियों की गतिविधियों की टोह लेता रहा. दरअसल मैनपाट के मालतीपुर और असकारा दोनो पंचायत मुख्यालय हैं जिससे यहां घनी आबादी क्षेत्र है. ऐसे में जंगली हाथियों के पास आ जाने के कारण यहां ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है. वन अमले के द्वारा हाथी विचरण क्षेत्र के पास स्थित घरों के लोगों को सुरक्षा के लिए पंचायत भवन और स्कूलों में शरण देने की योजना बनाई जा रही है. गौरतलब है कि पिछले दिनों जयपुर से मैनपाट की ओर आए जंगली हाथियों ने कई घरों को तोड़कर तहस-नस कर दिया था जिसके बाद से ही वनविभाग का हाथी नियंत्रण दस्ता पूरे क्षेत्र में गहन सर्चिंग में लगा हुआ है.
जंगली हाथियों को जंगलों की ओर खदेड़ने के लिए या दस्त रात भर सर्च अभियान करता रहता है लेकिन इसके बावजूद जंगली हाथियों का रुख घनी आबादी क्षेत्र की ओर होने से अब वनविभाग के कार्यों पर भी सवाल उठने लगा है.
ये भी पढ़ें Mahashivratri: पांच किमी पैदल चलकर शिव मंदिर पहुंचे ऊर्जा मंत्री, तीन घंटे लाइन में लगकर किए बाबा के दर्शन