DMF Scam Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड (DMF) घोटाले की जांच को लेकर आज ACB और EOW की बड़ी कार्रवाई हुई. राजधानी रायपुर सहित कुल 4 जिलों में एक साथ रेड की गई. यह कार्रवाई सुबह से शुरू होकर देर शाम तक चली. इस दौरान ईओडब्ल्यू की टीमों ने अलग-अलग ठिकानों पर दस्तावेज जब्त कर लिए हैं. इन जब्त दस्तावेजों की जांच की जा रही है.
14 ठिकानों पर एक साथ दबिश
सूत्रों के मुताबिक, रायपुर में 6, धमतरी में 1, राजनांदगांव में 5 और दुर्ग-भिलाई में 2 स्थानों पर छापे मारे गए. रायपुर में यह कार्रवाई अमित कोठारी, अशोक कोठारी, महावीर प्लाई, कृष्णा इंटरप्राइजेज और फ्यूचर हाइजिन जैसे प्रतिष्ठानों पर की गई. राजनांदगांव में कोल माइंस कारोबारी राधा कृष्ण अग्रवाल व अन्य सप्लायरों के ठिकानों पर दबिश दी गई.
डिजिटल और वित्तीय दस्तावेज बरामद
तलाशी के दौरान टीमों ने डिजिटल साक्ष्य, बैंक स्टेटमेंट्स, चल-अचल संपत्तियों के कागज़, जीएसटी रिटर्न्स और वाउचर्स जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ जब्त किए हैं. शुरुआती जांच में सामने आया है कि DMF फंड की आड़ में फर्जी बिलिंग और अवैध कमीशन देकर सप्लाई ठेके हासिल किए गए.
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कारोबारी से लेकर सप्लायर तक घेरे में
जिन लोगों के घर और दफ्तरों पर छापा पड़ा, वे सभी बड़े स्तर पर सरकारी सप्लायर या ठेकेदार बताए जा रहे हैं. आरोप है कि इन्होंने DMF फंड के नाम पर करोड़ों के काम लिए और नियमों को ताक पर रखकर टेंडर आवंटन कराए. लंबे समय से मिल रही शिकायतों के बाद यह कार्रवाई की गई है.
क्या है DMF घोटाला?
डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड (DMF) खनन प्रभावित जिलों में विकास कार्यों के लिए बनाया गया था. लेकिन आरोप है कि इस फंड से जुड़े टेंडर्स में बड़े घोटाले हुए. फर्जी कंपनियों को फायदा पहुंचाते हुए कमीशन के खेल में फंड का गलत उपयोग किया गया. अब EOW इसी पूरे घोटाले की तहकीकात कर रही है.
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