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Chhattisgarh Liquor Case: शराब घोटाले की जांच कर रही ACB-EOW करण ट्रेवल के ठिकानों पर की रेड, जब्त किए डिजिटल दस्तावेज

Chhattisgarh Liqour Scam: ये कार्रवाई EOW और ACB को अब तक जांच में मिले दस्तावेज के आधार पर की गई, जिसमें ये बात सामने आई थी कि शराब घोटाले के सिंडिकेट से जुड़े लोग करण ट्रेवल से बुकिंग कराते थे. लिहाजा, जांच एजेंसियों ने यहां से दस्तावेज जब्त किए, जिसमें कई अफसरों, नेताओं और संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की ट्रैवल हिस्ट्री और होटल बुकिंग रिकॉर्ड शामिल बताए जा रहे हैं.

Chhattisgarh Liquor Case: शराब घोटाले की जांच कर रही ACB-EOW करण ट्रेवल के ठिकानों पर की रेड, जब्त किए डिजिटल दस्तावेज

 Chhattisgarh Liquor 'Scam' Case: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में शराब घोटाले की जांच कर रही  भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने शराब घोटाले से जुड़े अवैध सिंडिकेट से जुड़े अधिकारी और नेताओं की ट्रेवल हिस्ट्री पता करने के लिए करण ट्रेवल के कार्यालय में दबिश देकर दस्तावेज जब्त किए. EOW और ACB की टीम मंगलवार की शाम को गंज थाना स्थित पिथालिया कॉम्प्लेक्स में करण ट्रेवल के कार्यालय पहुंची, जहां ट्रेवल कंपनी के मैनेजर से पूछताछ की.

अफसरों, नेताओं और संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की ट्रैवल हिस्ट्री मिली

बताया जा रहा है कि ये कार्रवाई EOW और ACB को अब तक जांच में मिले दस्तावेज के आधार पर की गई, जिसमें ये बात सामने आई थी कि शराब घोटाले के सिंडिकेट से जुड़े लोग करण ट्रेवल से बुकिंग कराते थे. लिहाजा, जांच एजेंसियों ने यहां से दस्तावेज जब्त किए, जिसमें कई अफसरों, नेताओं और संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की ट्रैवल हिस्ट्री और होटल बुकिंग रिकॉर्ड शामिल बताए जा रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, इन यात्राओं के भुगतान में कथित तौर पर शराब घोटाले की अवैध कमाई का उपयोग किए जाने के सुराग मिले हैं. टीम को जांच में देश-विदेश यात्राओं के अलावा कश्मीर, तिरुपति और उदयपुर की यात्राओं का भी ब्यौरा मिला है, जिसकी अब गहन जांच की जा रही है. दस्तावेजों में कैश पेमेंट और संदिग्ध लेनदेन के डिजिटल रिकॉर्ड भी मिलने की बात सामने आई है.

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2100 करोड़ के शराब घोटाले में इससे पहले भी EOW रायपुर, दुर्ग, , बिलासपुर सहित विभिन्न जिलों में छापेमारी की थी, जिसके बाद करोड़ों रुपये की संपत्ति, दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक डेटा और नकदी जब्त की जा चुकी है. जांच एजेंसियां अब इस बात की तफ्तीश कर रही हैं कि आखिर इन यात्राओं का भुगतान किसने और किस फंड से किया. यह कार्रवाई आगे बढ़ने के साथ कई  खुलासे हो सकते हैं और कुछ नए नाम भी आ सकते हैं.

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