Chhattisgarh Foundation Day 2025: छत्तीसगढ़ स्थापना के 25वें वर्षगांठ यानी रजत जयंती वर्ष को खास बनाने के लिए सरकार द्वारा कई ऐतिहासिक कार्यक्रम किए जा रहे हैं. शनिवार को एक नवंबर को राज्योत्सव उद्घाटन कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. इस अवर पर प्रधानमंत्री मोदी ने नया रायपुर स्थित मेला स्थल पर आयोजित कार्यक्रम में आम सभा को संबोधित किया. उन्हें सुनने के लिए प्रदेश भर से लोग पहुंचे थे.
प्रधानमंत्री मोदी को सुनने नया रायपुर पहुंची महिलाओं ने राज्य की विष्णुदेव साय सरकार के कुछ कार्यों की तारीफ की, वहीं कुछ योजनाओं में नीतिगत बदलाव की मांग भी की. हजारों की संख्या में पहुंची महिलाओं के एक बड़े समूह ने राज्य में पूरी तरह शराबबंदी लागू करने की मांग की.
शराबखोरी की पर रोक लगाने की जरूरत
कार्यक्रम स्थल पर एनडीटीवी से बात करते हुए महिलाओं के समूह में शामिल ज्योति वर्मा ने कहा कि सरकार कई अच्छे काम कर रही है. महतारी वंदन योजना के तहत हमें जो 1000 रुपये प्रतिमाह दिया जा रहा है, उसका हमें काफी लाभ मिल रहा है. लेकिन सरकार को समाज में फैल चुकी शराबखोरी की बुराई पर रोक लगाने की जरूरत है. ज्योति की बातों का समर्थन करते हुए लक्ष्मी जांगिड़ ने कहा कि गांव में जगह-जगह शराब बिक रही है. घर के युवा और अन्य पुरुष जितना पैसा कमाते हैं, उसका बड़ा हिस्सा शराब में खर्च कर देते हैं. शराब के नशे में वे हम महिलाओं से दुर्व्यवहार करते हैं और कुछ लोग तो गांव की बच्चियों के साथ गलत हरकतें भी करते हैं. ग्रामीण इलाकों में अवैध शराब का कारोबार भी तेजी से बढ़ रहा है.
छोटे बच्चे भी शराब पीने लगे
समूह में शामिल हेमा साहू ने कहा कि घर के छोटे बच्चे भी शराब पीने लगे हैं. जब हम उन्हें मना करते हैं, तो वे कहते हैं कि 'पापा, दादा, बड़े पापा या बड़े भैया को तो आप लोग नहीं रोकते, फिर हमें क्यों मना कर रहे हैं'. पहले उन्हें मना करो, फिर हम शराब छोड़ेंगे. सरकार को शराब से होने वाली कमाई पर ध्यान देने के बजाय समाज के बौद्धिक विकास पर ध्यान देना चाहिए. शराब आज ग्रामीण इलाकों में बड़ी सामाजिक बुराई बन चुकी है, इसलिए सरकार को तत्काल शराबबंदी पर विचार करना चाहिए.
बिजली बिल का करंट!
महिलाओं के समूह में शामिल कुमुदिनी वर्मा और रुक्मणी ने पिछले एक से दो महीने में अचानक बढ़े बिजली बिलों पर चिंता जताई. कुमुदिनी का कहना है कि दो महीने पहले तक उनके घर का बिजली बिल अधिकतम ₹500 प्रति माह आता था, जो अब बढ़कर ढाई हजार रुपए तक पहुंच गया है. सरकार कहती है कि वह बिजली बिल मुफ्त करने की दिशा में काम कर रही है, लेकिन गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार लाखों रुपए का सोलर प्लांट कैसे लगवाएंगे? सरकार को पहले की तरह बिजली बिल हाफ योजना फिर से शुरू करनी चाहिए, क्योंकि अचानक बढ़े बिजली बिलों ने मध्यमवर्गीय परिवारों का बजट पूरी तरह बिगाड़ दिया है.
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