
CG Politics : हर एक विक्ट्री की कुछ न कुछ मिस्ट्री होती है. निकाय चुनाव के नतीजे आने के बाद छत्तीसगढ़ में 14 Month की पॉलिटिकल मिस्ट्री चर्चा में है. ये मिस्ट्री, तो डिप्टी सीएम अरुण साव से जुड़ी है. लेकिन वे इस विक्ट्री मिस्ट्री का श्रेय पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं और सीएम विष्णुदेव साय को दे रहे हैं. बता दें, छत्तीसगढ़ के नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी ने अपनी जीत का डंका बजाया है. नगर निगम की 10, नगर पालिका की 35 और नगर पंचायत की 114 सीटों पर भगवा धारियों की जीत हुई है. कांग्रेस औंधे मुंह गिरी है. वहीं, आम आदमी पार्टी के हिस्से में नगर पालिका की एक सीट आई है. यानी अब अपने छत्तीसगढ़ में आप का भी अब खाता खुल गया. इस जीत के बाद पार्टी पदाधिकारी से लेकर कार्यकर्ताओं की खुशी का कोई ठिकाना नहीं है. नगर निगम की 10 में 10 सीटों पर जनता ने विजय मत देकर बड़ा संदेश दिया है. अब सीएम विष्णुदेव साय और डिप्टी सीएम अरुण साव के विकास कार्यों पर निगम चुनाव के माध्यम से जनता ने भी मुहर लगा दी है.
डिप्टी सीएम ने कार्यकर्ताओं की मेहनत का किया जिक्र
डिप्टी सीएम साव कहते हैं कि जीत का श्रेय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और निकायों में हुए विकास कार्यों को जाता है. कार्यकर्ताओं की मेहनत पर जाता है, इस बीच अपने विभाग के विकास कार्यों की तारीफ के बजाय सरलता से बधाई देते दिखे.
क्या खास है सियासत में साव के लिए गणित का 14 अंक
नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने सीएम साय के नेतृत्व में प्रदेश के सभी नगरीय निकायों को 14 महीने में 7400 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों की सौगात दी है. प्रदेश के शहरों को विकास कार्यों के लिए बीते 5 वर्षों में भी इतनी बड़ी रकम नहीं जारी हुई थी, जितनी उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने 14 माह में दिलाए हैं. विपक्ष में थे, तो 14 माह के लिए भाजपा प्रदेश के कप्तान बन मैदान में उतरे और मैदान मार ले गए, वो भी अद्वितीय जीत 14 माह में 14 प्रतिशत वोट गेन के साथ. पिछले वर्ष भाजपा सरकार में उप मुख्यमंत्री के साथ नगरीय प्रशासन मंत्री बने और फिर 14 महीने में हुए नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा को बंपर जीत दिलाने में मुख्यमंत्री के साथ अहम भूमिका निभाई.
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