Bijapur News: छत्तीसगढ़ के बीजापुर (Bijapur)जिले में राशन दुकानों को जारी होने वाली वित्तीय पोषण की राशि में सेंधमारी का मामला सामने आया है. इस जानकारी के बाद NDTV ने जिले की राशन दुकानों में पड़ताल की तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. बता दें कि नान (खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं संरक्षण विभाग) के मार्फत आवेदन की प्रक्रिया पूरी करने के बाद खाद्य विभाग को वित्तीय पोषण की राशि जारी की जाती है. इस राशि को पंजीकृत राशन दुकान को उनके बैंक खातें के माध्यम से जारी की जाती है. यह राशि राशन दुकानों को सिलसिलेवार जारी की जानी चाहिए थी. वैसा ना कर जिम्मेदारों ने कई राशन दुकानों की राशि चुनिंदा राशन दुकानों के खाते में जमा करवाई और बाद में सेल्समेन के माध्यम से रकम फोन पे, एनईएफटी केअलावा कुछ स्थानों पर नगद आहरण कर ली. दिलचस्प बात यह है कि कई राशन दुकान संचालक जिनके खातें में एक से अधिक दुकानों की रकम जमा हुई है, उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं थी.बता दें कि जिले में संचालित राशन दुकानों का संचालन कहीं महिला स्व सहायता समूह कर रही है तो कुछ स्थानों पर ग्राम पंचायतों के मार्फत दुकानें संचालित हैं.
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एनडीटीवी की पड़ताल में ये खुलासा
केस 1 - सेंडरा राशन दुकान के संचालक संतोष यालम कैमरे पर कहते हैं कि उनके खाते में बरदेली, चंदूर, बामनपुर, बड़े काकलेर में संचालित राशन दुकानों के नाम कुल 3 लाख 64 हजार रूपए जमा करवाए गए थे.संतोष का कहना है कि राशि जमा होने के बाद खाद्य निरीक्षक मनोज सारथी के कहे अनुसार उन्होंने उनके फोन पे नंबर पर पहले 60 हजार रूपए और बाद में एनईएफटी के माध्यम से डेढ़ लाख से अधिक रूपए जमा करवाए थे.
केस 2 - बामनपुर राशन दुकान संचालक तुलसी राम गोटे के अनुसार ग्राम पंचायत के खाते में 21 दिसंबर को 34 हजार रूपए नगद जमा हुए हैं. तुलसी गोटे ने बताया कि संतोष यालम ने बामनपुर पंचायत के खाते में 34,000 रुपए नगद जमा करने की जानकारी दी. मगर, किसके कहने पर इस राशि को पंचायत के खाते में जमा किया गया है? इसका जवाब संतोष ही दे सकते हैं.
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केस 3 - वित्तीय पोषण की राशि ग्राम पंचायत के खाते में जमा हुई या नहीं इसकी जानकारी पंचायत सचिव को भी नहीं है. लेकिन, पंचायत के खाते का अकाउंट स्टेटस देख सचिव संतोषी ने बताया कि 21 दिसंबर को किसी के द्वारा 34,000 की राशि बामनपुर पंचायत के खाते में नगद जमा किया गया है किसके कहने पर किसके द्वारा पंचायत के खाते में नगद पैसे जमा किए गए हैं? इस सवाल का जवाब पंचायत सचिव के पास भी नहीं है.
अफसर बोले- जांच कराएंगे
मामले की जानकारी सत्तादल के नेताओं तक भी पहुंच चुकी है. वहीं इस पूरे मामले में खाद्य अधिकारी गणेश कुर्रे का कहना है कि वित्तीय पोषण राशि के वितरण में गड़बड़ी हुई है तो इसकी जांच कराई जाएगी.
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