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छत्तीसगढ़ में 2 सालों में सबसे कम बारिश: गरेल में 23.68 तो बांगो में 42.33% पानी, जुलाई में वर्षा नहीं होने पर बढ़ेंगी मुसीबतें

Rain In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में पिछले 2 सालों में जून के महीने में सबसे कम बारिश हुई, जिसके चलते बांधों का जलस्तर इस बार है. मौसम विभाग की मानें तो जुलाई महीने में बरसात अगर न हुई तो किसानों की मुसीबत बढ़ जाएगी.

छत्तीसगढ़ में 2 सालों में सबसे कम बारिश: गरेल में 23.68 तो बांगो में 42.33% पानी, जुलाई में वर्षा नहीं होने पर बढ़ेंगी मुसीबतें

Water level of dams in Chhattisgarh: इस साल मानसून बेहतर होने के अनुमान के बाद भी छत्तीसगढ़ में जून माह में अपेक्षा के अनुरूप बारिश नहीं हुई. नतीजा ये रहा कि प्रदेश के बड़े बांधों में शामिल गंगरेल (रविशंकर सागर), बांगो (मिनीमाता परियोजना) समेत अन्य मध्यम व छोटे बांधों में जलभराव वर्ष 2022 और 2023 के मुकाबले सबसे कम हुआ है. बीते 29 जून की स्थिति में गंगरेल में 23.68 प्रतिशत ही जलभराव है, जबकि 2022 में यह 2022 में 47.41 फीसदी और 2023 में 50.04 फीसदी था. इसी तरह बांगो में 42.33 फीसदी पानी है. इसमें 2022 में 50.09 फीसदी और 2023 में 61.07 फीसदी तक पानी भर चुका था.

बस्तर में मानसून का अटकना पड़ा भारी

प्रदेश में मानसून ने उम्मीदों के अनुरूप और समय से पहले 8 जून को ही दस्तक दे दी थी. लेकिन, बस्तर में ही अटका रहा. नतीजा 20 से 22 जून के बीच मध्य और उत्तरी छत्तीसगढ़ तक पहुंच पाया. इस विलंब के चलते बारिश भी देर से शुरू हुई. अब भी अपेक्षा के अनुरूप बारिश नहीं हुई है. यही वजह रही कि प्रदेश के बांधों में जलभराव पिछले 3 सालों में सबसे कम है. अब जुलाई महीने से उम्मीद है कि इसकी भरपाई हो जाएगी. वहीं इस महीने में भी बेरुखी रही तो नहरों में पानी छोड़ने पर संशय बना रहेगा और किसानों की मुसीबत बढ़ सकती है.

गंगरेल में 181.65 MCM पानी

प्रदेश के बड़े बांधों में से एक धमतरी जिले के गंगरेल यानी रविशंकर सागर बांध में 29 जून की स्थिति में जलस्तर 337.28 मिलियन क्यूबिक मीटर (MCM) है. जबकि इसकी भंडारण क्षमता 181.65 MCM है. यह कुल क्षमता का 23.68 फीसदी है. वर्ष 2022 में यह 47.41 फीसदी और 2023 में 50.04 फीसदी था.

बांगो व तांदुला में भी स्थिति चिंताजनक

कोरबा जिले के मिनीमाता बांगो में जलस्तर 348.09 मिलियन क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया है. जबकि इसकी भंडारण क्षमता 1225.01 MCM है. यह कुल क्षमता का 42.33% है. साल 2022 में यह 50.09% और 2023 में 61.07% था. बालोद जिले के तांदुला जलाशय में 29 जून की स्थिति में जलस्तर 323.88 मिलियन क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया है. इसकी भंडारण क्षमता 39.73 MCM है, जो कुल क्षमता का 13.14% है. वर्ष 2022 में 23.63% और 2023 में 50.58% रहा था.

            बांध                 टैंक लेवल अभी जलस्तर   2023 में जलस्तर    2022 में जलस्तर
  सिकासर (गरियाबंद)  42.54 MCM  397.56 मीटर     53.20 प्रतिशत          39.42 प्रतिशत
  खारंग (बिलासपुर)   82.02 MCM  290.41 मीटर     73.86 प्रतिशत          82.02 प्रतिशत
  छिरपानी (कबीरधाम)  36.55 MCM  425.90 मीटर     78.53 प्रतिशत          78.07 प्रतिशत
  दुधावा (कांकेर)  40.70 MCM  415.31 मीटर     63.11 प्रतिशत          15.68 प्रतिशत
  कोसारटेड़ा (बस्तर)  11.73 MCM  111.44 मीटर     34.80 प्रतिशत          32.15 प्रतिशत
परलकोट (कांकेर)  0.00 MCM   पानी नहीं      0.10 प्रतिशत           0.10 प्रतिशत

अन्य बांधों की कैसी है स्थिति?

बालोद के खरखरा में जलस्तर 327.51 मीटर है, जबकि भंडारण की क्षमता 28.71 MCM, जो कुल क्षमता का 20.63 प्रतिशत है. वहीं साल 2022 और 2023 में इसका जलस्तर 27.42 प्रतिशत और 67.94 प्रतिशत था. आगर बालोद की गोंदली की बात करें तो फिलहाल इसका जलस्तर कुल क्षमता का 6.40 फीसदी है. दरअसल, अभी इसका जलस्तर 335.12 मीटर है, जबकि भंडारण क्षमता 6.20 MCM है. हालांकि 2022 में इसका जलस्तर 33.11 प्रतिशत और 2023 में 86.65 प्रतिशत था. इधर, सरगुजा के श्याम बांध की भंडारण क्षमता 33.93 MCM है. वहीं इस बार अब तक का जलस्तर 579.25 मीटर है, जो कुल क्षमता का 54.68 प्रतिशत है. हाालंकि 2023 और 2022 में इसका जलस्तर 16.89 प्रतिशत और 45.17% प्रतिशत था. 

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