Chhattisgarh Liquor Scam: त्तीसगढ़ में 3,200 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले से जुड़े मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की जमानत याचिका पर ईडी कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है. अगली सुनवाई सोमवार को होगी.
चैतन्य बघेल फिलहाल रायपुर जेल में न्यायिक रिमांड पर बंद हैं. उन्हें 18 जुलाई 2025 को ईडी (Enforcement Directorate) ने शराब घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया था. एजेंसी का आरोप है कि इस मामले में लगभग 1,000 करोड़ रुपये के अवैध लेन-देन का मुख्य आरोपी चैतन्य बघेल ही हैं.
पूर्व सुनवाई में कोर्ट ने ईडी को फटकार लगाते हुए रिमांड दस्तावेज में खामियों को ठीक करने के निर्देश दिए. इससे पहले कोर्ट ने चैतन्य बघेल को चार दिन की रिमांड पर भेजा था, जबकि ईडी पांच दिन की रिमांड मांग रही थी.
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला क्या है?
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला 2019 से 2023 तक चला और इस दौरान राज्य के खजाने को लगभग 3,200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. जांच में सामने आया कि सरकारी अधिकारियों और नेताओं ने शराब की आपूर्ति और बिक्री में भारी अनियमितताएँ और कमीशन के रूप में ₹1,392 करोड़ से अधिक की राशि अपने सहयोगियों को बांटी.
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के प्रमुख आरोपी
चैतन्य बघेल: भूपेश बघेल के बेटे, 1,000 करोड़ रुपये के अवैध प्रबंधन के मुख्य आरोपी.
अनिल टुटेजा: पूर्व आईएएस अधिकारी, जिनकी गिरफ्तारी बाद में सुप्रीम कोर्ट ने अवैध ठहराई.
निरंजन दास: पूर्व आईएएस अधिकारी, हाल ही में गिरफ्तार.
अनवर देबर: पूर्व रायपुर मेयर अयाज देबर के भाई, गिरफ्तारी बाद में हाईकोर्ट ने अवैध ठहराई.
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