Supplementary Budget of Chhattisgarh 2025: छत्तीसगढ़ विधानसभा के रजत जयंती वर्ष के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को एक और इतिहास बन गया. दरअसल, राज्य बनने के बाद का सबसे बड़ा अनुपूरक बजट मंगलवार को सदन में पेश किया गया. 35 हज़ार करोड़ के अनुपूरक बजट की अनुदान मांगों की चर्चा में सत्ता पक्ष ने अनुपूरक बजट को ऐतिहासिक और विकासपरक बताया. वहीं, अनुपूरक बजट का विरोध करते हुए विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए पूछा कि पहले ये तो बताएं कि मुख्य बजट का पैसा कहां खर्च हुआ?
छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बजट 2025-26 के लिए पहला अनुपूरक बजट पेश किया गया. 35 हज़ार करोड़ के अनुपूरक बजट में सबसे ज़्यादा अनुसूचित जनजाति उपयोजना के लिए 10470 करोड़ का प्रावधान किया गया है. बजट की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने तारीफ़ करते हुए कहा ये विकासात्मक बजट है. हालांकि, उन्होंने विपक्षी कांग्रेस के विधायकों के विरोध का भी सामना करना पड़ा. इसका बचाव करते हुए बीजेपी विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा कि ये विकासात्मक बजट है. इससे राज्य के विकास को गति मिलेगी.
विधानसभा की दर्शक दीर्घा में बैठे दो लोगों ने बजाई ताली
सदन में अनुपूरक बजट की मांगों के दौरान कांग्रेस विधायक उमेश पटेल के तीन साल बाद सत्ता में आने की बात पर विधानसभा की दर्शक दीर्घा में बैठे युवकों ने जमकर ताली बजाई. ताली की आवाज सुनकर सदन में बैठे विधायकों की नजर जब उन पर पड़ी दर्शक दीर्घा में बैठे युवकों को बाहर निकालने मार्शल पहुंचे. इस दौरान मार्शलों से युवकों ने की ऊंची आवाज में बात शुरू कर दी. जिसके बाद मार्शलों ने दोनों युवकों को पकड़कर विधानसभा के सुरक्षा अधिकारियों को सौंप दिया. गौरतलब है कि नेता प्रतिपक्ष के कार्यालय से इन युवाओं के लिए दर्शक दीर्घा का पास जारी हुआ था.
अलग-अलग विभागों को मिलते इतना फंड
- सामान्य प्रशासन विभाग 27 करोड़ 42 लाख रुपये
- पुलिस विभाग 6 अरब 43 करोड़ 62 लाख 4 हजार 900 रुपये
- वाणिज्य कर विभाग को 1 एक अरब 22 करोड़ 29 लाख 99 हजार 800 रुपये
- वन विभाग 87 करोड़ 80 लाख रुपये
- कृषि विभाग 11 अरब 55 करोड़ 62 लाख 99 हजार 100 रुपये
- सहकारिता विभाग को 75 करोड़ रुपये
- लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण 1 अरब 83 करोड़ 33 लाख 33 हजार 600 रुपये
- लोक निर्माण 1 अरब 75 करोड़ 400 रुपये
- स्कूल शिक्षा 2 अरब 71 करोड़ 46 लाख 8 हजार 753 रुपये
- पंचायत तथा ग्रामीण विकास विभाग को 6 अरब 70 करोड़ 17 लाख 83 हजार 818 रुपये
- खाद्य विभाग 96 अरब 12 करोड़ 63 लाख 99 हजार 50 रुपये
- अनुसूचित जनजाति 104704785423 रुपये
- महिला एवं बाल कल्याण से संबंधित व्यय 15637870466 रुपये
- नगरीय प्रशासन 12551189200 रुपये
- नगरीय निकाय 11040000000 रुपये
- कुल अनुपूरक बजट: 36 हज़ार करोड़ रुपये
विपक्ष के विधायकों ने चर्चा के दौरान सरकार को वित्तीय स्थिति से लेकर कानून व्यवस्था और धान खरीदी में परेशानी के मुद्दे पर जमकर घेरा. कांग्रेस विधायक संगीता सिंह ने कहा सरकार सभी मोर्चे में असफल रही है. इसके साथ ही उन्होंने सरकार से पूछा कि मुख्य बजट कहां खर्च हुआ, इसका कुछ पता नहीं है. इसलिए विपक्ष अनुदान मांगों का विरोध करता है.
छत्तीसगढ़ सरकार का भारी भरकम अनुपूरक बजट के बाद इस वित्तीय वर्ष का बजट दो लाख करोड़ पहुंच चुका है. इस बजट से सत्ता पक्ष विकास के दावे तो कर रही है, लेकिन विपक्ष आर्थिक स्थिति ख़राब होने का आरोप लगा रही है.
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