Chhattisgarh Assembly Election Update: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही प्रदेश में आचार संहिता लागू हो गई है. इस चुनावी माहौल में बीजापुर (Bijapur) में सरकार के आधे-अधूरे काम विपक्ष के लिए बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया है. इन्हीं में शामिल है मद्देड़ का नवनिर्मित बस स्टैंड. जिसका लोकार्पण सितंबर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने किया था, लेकिन अभी तक इसका निर्माण कार्य पूरी तरह से नहीं हो पाया है.
आधे-अधूरे काम का किया लोकार्पण
दरअसल, स्थानीय लोगों के साथ ही विपक्ष के लिए यह चुनावी मुद्दा इसलिए बना हुआ है, क्योंकि जिला खनिज संस्थान न्यास निधि (DMF) से 48.43 लाख की लागत का बस स्टैंड अब अभी अधूरा है, जबकि मुख्यमंत्री के बीजापुर प्रवास के दौरान लोकार्पण कार्यों की सूची में यह बस स्टैंड भी शामिल था.
यात्री प्रतीक्षालय छोड़ अन्य काम अधूरे
यहां बस स्टैंड के नाम पर केवल यात्री प्रतीक्षालय भवन ही तैयार है. इसके अलावा बसों के प्रवेश और निकासी के लिए किसी भी सड़क का निर्माण भी नहीं हुआ है. बस स्टैंड परिसर में प्रस्तावित शॉपिंग काम्प्लेक्स भी अधूरा ही है. वहीं, प्रतीक्षालय भवन के पोर्च में लगी टाइल्स भी कई जगह उखड़ चुकी है. साथ ही कई जगहों पर दरारें भी पड़ चुकी हैं.
बीजेपी ने उठाए सवाल
भाजपा से उम्मीदवार पूर्व मंत्री महेश गागड़ा का कहना है कि विधायक विकास के नाम पर जनता की आंखों में किस तरह धूल झोंकते आए हैं, इससे साफ जाहिर होता है. विधायक न सिर्फ जनता को बल्कि चुनावी लाभ के लिए मुख्यमंत्री तक को गुमराह करने से नहीं चूके. मुख्यमंत्री को इस बात को गंभीरता से लेना चाहिए.
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विधायक संग प्रभारी मंत्री और कलेक्टर भी जिम्मेदार
कांग्रेस से निष्कासित युवा आयोग के पूर्व सदस्य अजय सिंह ने भी अपनी प्रतिक्रिया में विधायक के साथ बस स्टैंड की नींव रखने वाले प्रभारी मंत्री कवासी लखमा, कलेक्टर राजेंद्र कटारा पर जनता के साथ मुख्यमंत्री को गुमराह करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि ये विकास के नाम पर भ्रष्टाचार का जीता जागता सबूत है. बीजापुर में मद्देड का यह अधूरा बस स्टैंड आने वाले विधानसभा चुनावों में बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है.