Chhattisgarh Assembly Election 2023: देश के सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित (Naxalite Area) जिलों में से एक सुकमा जिले में शांतिपूर्ण चुनाव कराने को लेकर प्रशासन ने रणनीति तैयार कर ली है. जिले के 90 प्रतिशत मतदान केंद्र अतिसंवेदनशील इलाके में हैं. इसके चलते पिछले ढाई दशक से यहां शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न कराना हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है. चुनाव तारीखों की घोषणा के बाद से पुलिस एक्शन मोड पर आ गई है. सीआरपीएफ, जिला बल और डीआरजी की संयुक्त टीमें नक्सलियों के ठिकानों पर दस्तक दे रही हैं. जिले के नक्सल प्रभावित इलाकों में सर्चिंग अभियान तेज कर दिया गया है.
प्रशासन ने की 50 कंपनियों की मांग
विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण संपन्न करने के लिए 50 से ज्यादा कंपनियों की मांग की गई है. जिसमें करीब 5 हजार से ज्यादा जवानों की तैनाती जिले के नक्सल प्रभावित इलाकों में की जाएगी. सुरक्षाबलों के सामने सबसे बड़ी चुनौती बारूदी सुरंग होगी. जो कि माओवादियों का ऐसा शक्तिशाली एवं घातक हथियार है. बीते एक साल में जिले के अलग-अलग इलाकों से CRPF और जिला बल के जवानों ने 50 से ज्यादा IED रिकवर किए हैं.
7 नवंबर को होंगे बस्तर क्षेत्र में चुनाव
इस बार छत्तीसगढ़ में दो चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं. पहले चरण में 7 नवंबर को बस्तर के 12 सीटों पर चुनाव होंगे. दक्षिण बस्तर के सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले में विधानसभा चुनाव के दौरान माओवादियों ने सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के साथ फायरिंग और मत पेटियों को लूटने जैसी घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं.
जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा होगी पुलिस की बड़ी जिम्मेदारी
बस्तर के अलग-अलग जिलों में बीते 7 से 8 महीनों में आधा दर्जन स्थानीय जनप्रतिनिधियों की नक्सलियों द्वारा हत्या की गई है. जिसके बाद पुलिस जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा को लेकर सतर्क हो गई है. प्रत्याशी और चुनाव प्रचार में जाने वाले जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दिया जा रहा है. केंद्र सरकार द्वारा बस्तर के 24 बीजेपी नेताओं को एक्स कैटेगरी सुरक्षा मुहैया कराई गई है.
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