Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दुर्ग जिले (Durg District) से हैरान करने वाली खबर सामने आ रही है .भिलाई (Bhilai) आईआईटी कैंपस में चार आवारा कुत्तों की नसबंदी के बाद मौत ही गई है. मौत के बाद आईआईटी प्रबंधन ने भिलाई नगर निगम के ठेकेदारों की जिला प्रशासन और दिल्ली के उच्च अधिकारियों से शिकायत की है.
नगर निगम के पास नहीं था कोई भी जवाब
दरअसल ये पूरा मामला भिलाई आईआईटी का है. जहां आईआईटी भिलाई कैंपस में कुछ देसी नस्ल के आवारा कुत्ते घूमते रहते थे, इनकी संख्या लगातार बढ़ रही थी. इसी को लेकर आईआईटी प्रबंधन ने भिलाई निगम से आग्रह किया था कि इनकी नसबंदी करके इन्हें वापस यहीं छोड़ दिया जाए. इसके बाद निगम की टीम आई और कैंपस में घूम रहे 9 कुत्तों को पकड़कर अपने साथ ले गई. नसबंदी के बाद इनमें से 8 कुत्तों को टीम वापस छोड़ तो गई, लेकिन आश्चर्य की बात ये रही कि इनमें से 4 कुत्ते मर गए. जबकि 9 में से एक कुत्ता कहां गया, इसकी किसी को कोई जानकारी नहीं है. आईआईटी प्रबंधन ने उस कुत्ते के बारे में पूछा तो निगम इसका कोई जवाब नहीं दे पाया.
ये मामला अब दिल्ली तक गया है पहुंच
ये अब मामला दिल्ली तक पहुंच गया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने इसकी पूरी जानकारी मांगी है. इसके बाद निगम के अफसरों में अफरा-तफरी मच गई और निगम का अमला अब उस लापता कुत्ते की तलाश में जुट गया है. बताया जा रहा है भिलाई नगर निगम के कुत्तों की नसंबदी का ठेका डॉ. धर्मवीर चंद्राकर को दिया था. उन्होंने इस काम के लिए डॉ. हेमंत बेलचंदन को नियुक्त किया है जो कुत्तों की नसबंदी करते थे. 31 मई को ठेका खत्म होने वाला था, इसलिए 31 मई की शाम ही इन कुत्तों को नसबंदी के बाद आईआईटी कैंपस में छोड़ दिया गया था.
आईआईटी कैंपस में ही दफना दिया गया कुत्तों को
नियम के अनुसार कुत्तों को नसबंदी के बाद दो से तीन दिन आब्जर्वेशन में रखा जाता है, क्योंकि इन्फेक्शन का खतरा रहता है. निगम की टीम जब नसबंदी के बाद जब आठ कुत्तों को लेकर आईआईटी कैंपस पहुंची तो उनमें से चार पहले ही मरणासन्न अवस्था में थे. गाड़ी से उतरने के बाद वो वापस उठे ही नहीं. और मर गए. इसके बाद चारों के शव को सम्मानपूर्वक विधिवत प्रबंधन ने कैंपस में ही दफना दिया.
कई जगह की गई है इस घटना की शिकायत
वहीं आईआईटी भिलाई के रजिस्ट्रार डॉ. जयेश चंद्रा एस पाय ने बताया कि कुत्तों के मरने और एक कुत्ते के लापता होने की शिकायत जिला प्रशासन, पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पीटा), पीएफए पीपल फॉर एनीमल व एनीमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया में की गई है. वहीं ठेकेदार डॉ. धर्मवीर चंद्राकर ने कहा कि नसबंदी के बाद कुछ कुत्तों की मौत होने की खबर मिली है. इसके बाद हमने प्राथमिक जांच करवाई है और नसबंदी करने वाले डॉ. हेमंत बेलचंदन को सस्पेंड कर दिया है.आगे की जांच चल रही है. एक कुत्ता भाग गया था उसकी भी तलाश की जा रही है.
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