
Patan Assembly Seat: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं. तमाम एग्जिट पोल्स को गलत साबित करते हुए भारतीय जनता पार्टी राज्य में सरकार बनाने जा रही है. बीजेपी को 54 सीटों पर जीत मिली है, वहीं 35 पर कांग्रेस जीती है. पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंह देव के शब्दों में कहें तो ये नतीजे 'अकल्पनीय' हैं, कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए. बीजेपी की आंधी में सिंह देव जैसे बड़े चेहरे भी अपनी सीट नहीं बचा पाए. हालांकि दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली पाटन विधानसभा सीट से भूपेश बघेल ने जीत दर्ज की. हालांकि हारने के बाद भी बीजेपी को इस सीट पर 2018 की तुलना में फायदा हुआ है. आइए जानते हैं कैसे,
27 हजार से अधिक था बघेल की जीत का अंतर
2018 के विधानसभा चुनाव में दुर्ग जिले की पाटन विधानसभा सीट पर मुकाबला था तत्कालीन विधायक और कांग्रेस के कद्दावर नेता भूपेश बघेल और बीजेपी के उम्मीदवार मोतीलाल साहू के बीच. पिछली बार पाटन में कुल 1,95,539 मतदाता थे. भूपेश बघेल को जनता ने 84,352 वोट देकर जिताया था. वहीं मोतीलाल साहू को 56,875 वोट मिले थे. बघेल की जीत का अंतर 27,477 वोटों का था.
आंकड़ों पर नजर डालें तो 2018 में 51.9 फीसदी वोटर्स ने भूपेश बघेल और 35 प्रतिशत लोगों ने मोतीलाल साहू के पक्ष में वोट डाले थे. बघेल ने 16.9 फीसदी के अंतर से पाटन से जीत हासिल की थी. 2018 में राज्य में कांग्रेस ने 90 में से 68 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी. वहीं बीजेपी सिर्फ 15 सीटें ही जीत पाई थी. इसके अलावा पांच सीटें जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के खाते में गई थीं.
चाचा ने भतीजे को दी मात
इस बार भूपेश बघेल के सामने थे दुर्ग से लोकसभा सांसद विजय बघेल. विजय बघेल रिश्ते में भूपेश के भतीजे भी हैं. रविवार सुबह जब मतगणना शुरू हुई तो दोनों के बीच कांटे का मुकाबला चला. बीच में कई बार भूपेश बघेल पिछड़ते भी नजर आए लेकिन शाम होते-होते स्थिति साफ हो गई. भूपेश बघेल को 95,438 तो वहीं विजय बघेल को 75,715 वोट मिले. इस जीत-हार का अंतर 19,723 वोटों का था.
अगर 2018 से तुलना करें तो इस बार 52.1 फीसदी मतदाताओं ने भूपेश बघेल के लिए मतदान किया जो पिछली बार से सिर्फ 0.2 फीसदी अधिक है. वहीं 41.3 प्रतिशत मतदाता बीजेपी के पक्ष में रहे जो 2018 से 6.4 फीसदी अधिक है. जीत-हार का जो अंतर पिछली बार करीब 17 प्रतिशत का था वह इस बार सिर्फ 10.8 प्रतिशत का ही रह गया.