Chhath Puja 2024: उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों में भी छठ पर्व की धूम देखी जा रही है. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में भी इसे लेकर पूर्वांचल से ताल्लुक रखने वाले लोगों में बेहद उत्साह है. छठ के इस मौके पर छठ घाट का विशेष महत्व होता है. लिहाजा बिलासपुर में बना छठ घाट इस बार खूब सुर्खियां बंटोर रहा है. दरअसल, अरपा नदी के तट पर बना छठ घाट भारत के सबसे बड़े स्थाई छठ घाटों में से एक माना जा रहा है. इस घाट की कुल लंबाई लगभग एक किलोमीटर है और यह स्थान छठ पूजा के आयोजन के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है.
बिलासपुर में इस साल भी 50 हजार से ज्यादा छठव्रतियों के छठ घाट में पूजा में शामिल होने की संभावना है, वहीं उनके साथ आने वाले परिवारजनों की संख्या भी लाखों में आंकी जा रही है. अरपा नदी के तट को रंग बिरंगे झालरों से सजाया गया है, जिसकी खूबसूरती देखते ही बन रही है. वहीं सुरक्षा के मद्देनजर छठ घाट में सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जाएगी.
अरपा नदी के तट पर इस घाट का निर्माण पिछले कुछ वर्षों में जिला प्रशासन और भोजपुरी समाज के द्वारा किया गया है. भोजपुरी समाज इस परंपरा को बड़े ही भव्य तरीके से मनाता है. यहां हर साल छठ पूजा के अवसर पर हजारों श्रद्धालु आते हैं, जो सूर्य देव की आराधना के लिए एकत्रित होते हैं.
24 सालों से इस घाट पर हो रही है छठ पूजा
पिछले 24 वर्षों से भोजपुरी समाज के लोगों द्वारा इस घाट को लगातार पूजा स्थल के रूप में उपयोग किया जा रहा है. छठ पूजा की लोकप्रियता और महत्ता को देखते हुए इस घाट का प्रबंधन और व्यवस्था बेहद सुसंगठित होती है. छठ पूजा में श्रद्धालु सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करते हैं. इस दौरान श्रद्धालु नदी में खड़े होकर पूजन करते हैं, और यह दृश्य अत्यंत भव्य होता है.
सुरक्षा के माकूल इंतेजाम, सीसीटीवी से निगरानी
इस घाट पर सुरक्षा व्यवस्था भी काफी कड़ी की गई है ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो. घाट पर सफाई व्यवस्था, चिकित्सा सहायता और अन्य आवश्यक सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाता है. यहां के छठ महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है, जो छठ पूजा को और भी आकर्षक बनाते हैं. सुरक्षा की दृष्टि से यहां सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे.
छठ पूजा से पहले महाआरती
छठ पूजा से पहले भोजपुरी समाज और शहर के अन्य समाज के द्वारा अरपा नदी के तट पर महा आरती की जाती है. अरपा नदी की महाआरती को देखने के लिए शहर से हज़ारों की संख्या में लोग एकत्र होते हैं.
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