Sharda Sinha News : मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा (Sharda Sinha Death News) ने 72 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया. छठ के पहले दिन नहाय-खाय पर शारदा सिन्हा का निधन हो गया. दिल्ली के AIIMS में उन्होंने मंगलवार को अंतिम सांस ली. शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1951 को सुपौल (Supaul), बिहार (Bihar) में हुआ. उनके पिता भी एक संगीत प्रेमी थे. बताया जाता है कि उनके पिता ने उन्हें गाना-गाना सिखाया था. उन्हें संगीत से बेहद प्रेम था. लिहाज़ा,वे बहुत छोटे उम्र से गाने लगीं थी. पहली बार उन्होंने अपने भाई की शादी में गाना गाया था... जिसमें उनकी आवाज़ को काफी पसंद किया गया था. बताते चलें कि मशहूर गायिका शारदा सिन्हा ने कई भाषाओं में गाने गाए. उनका पहला बड़ा गाना मैंने प्यार किया फिल्म का था. इसमें उन्होंने काहे तोहसे सजना गाया. यही नहीं, शारदा सिन्हा का छठ पर्व से बहुत गहरा रिश्ता था. उनका गाना पहिले पहिल कइनी छठ बहुत प्रसिद्ध हुआ. तब से ये गाना छठ का एक हिस्सा ही बन गया. देश भर के लोग दिवाली-छठ में शारदा सिन्हा को सुनते हैं.
सुपरहिट हुआ काहे तोहसे सजना
सिन्हा की तबीयत सोमवार को अचानक बिगड़ी थी, जिसके बाद उनको वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था. शारदा सिन्हा को बिहार की 'स्वर कोकिला' भी कहा जाता था. शारदा सिन्हा ने कई छठ गीतों को अपनी आवाज देकर देश-दुनिया में पहचान दिलाई. शारदा सिन्हा ने अपने करियर में हिंदी, मैथिली, मगही, वज्जिका और अंगिका जैसी कई भाषाओं में गाने गाए. उनका पहला बड़ा बॉलीवुड में 1989 में आया, जब उन्होंने सलमान खान की फिल्म मैंने प्यार किया में काहे तोहसे सजना गाना गाया था. इसके बाद उनके कई हिट गाने आए, जैसे कि हम आपके हैं कौन का विदाई गीत बाबूल मोहनीश बहल और फिल्म नदिया के पार का जब तक पूरे ना हो फेरे सात आदि.
शारदा सिन्हा का छठ से था खास जुड़ाव
शारदा सिन्हा के गानों की बात की जाए तो इनके गाने हर शादी और सांस्कतिक कार्यक्रमों में सुने जाते हैं. वहीं, छठ पर्व को तो इनके गानों और आवाज़ के बिना अधूरा माना जाता है. आपको बता दें कि शारदा सिन्हा को अनोखे अद्भुत संगीत के लिए कई पुरस्कार मिल चुके हैं. इसमें पद्म श्री (1995) और पद्म भूषण (2018) शामिल हैं. बिहार कोकिला के नाम से जानी जाने वाली शारदा सिन्हा ने अपने करियर में कई सौ गाने गाए, जिनमें से कई सुपरहिट हुए... लेकिन शारदा सिन्हा के निधन की दुखद खबर से देश भर में शोक की लहर व्याप्त है. उनकी आवाज हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेगी.
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