CGPSC Scam: छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) में हुए भ्रष्टाचार मामले में आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने तत्कालीन पीएससी चेयरमैन (PSC Chairman) टामन सिंह सोनवानी के बेटे साहिल सोनवानी, नितेश सोनवानी, बजरंग स्पात कंपनी के निदेशक के पुत्र, शशांक गोयल, और भूमिका कटियार को जमानत दे दी है. आरोपियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा, सिद्धार्थ अग्रवाल और शशांक मिश्रा ने पैरवी की थी. ये सभी पिछले कई महीनों से रायपुर जेल में न्यायिक हिरासत में थे
BJP ने भूपेश सरकार पर लगाए थे आरोप
बीजेपी ने CGPSC भर्ती में धांधली का आरोप लगाते हुए तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार पर आरोप लगाए थे. बीजेपी सरकार बनने पर सीबीआई से जांच का वादा किया था. सरकार बनने के बाद जांच हुई जिसमें पीएससी चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी समेत अधिकारियों और नेताओं के चयनित करीबियों को भी आरोपी बनाया गया था.
आरोप है कि इन लोगों ने परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक कर अपने रिश्तेदारों और परिचितों को अनुचित तरीके से पास करवाया. इनमें से कई उम्मीदवार बाद में डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी और अन्य उच्च प्रशासनिक पदों पर नियुक्त किए गए.
सीबीआई के पास 2024 में पहुंचा मामला
राज्य सरकार ने फरवरी 2024 में यह मामला सीबीआई को सौंपा. इससे पहले, जुलाई 2023 में सीबीआई ने 2020 से 2022 के बीच हुई CGPSC परीक्षाओं में चयन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और पक्षपात के आरोपों की जांच शुरू की थी. सीबीआई की चार्जशीट में पीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी ने अपने भतीजों को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों में जानबूझकर बदलाव किया था.
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