President Draupadi Murmu Rafel: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंबाला वायुसेना स्टेशन से राफेल विमान में उड़ान भरी. इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अंबाला वायुसेना स्टेशन पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरने के लिए अंबाला वायुसेना स्टेशन पहुंचीं हैं. राष्ट्रपति ने हरियाणा के अंबाला वायुसेना स्टेशन पर भारतीय वायुसेना के अत्याधुनिक लड़ाकू विमान राफेल में उड़ान भरकर इतिहास रच दिया. देश की सर्वोच्च संवैधानिक पदाधिकारी और तीनों सेनाओं की सुप्रीम कमांडर के रूप में यह उनका दूसरा अनुभव है. इससे पहले अप्रैल 2023 में उन्होंने असम के तेजपुर एयरबेस पर सुखोई-30 एमकेआई में उड़ान भरी थी.
#WATCH | Haryana: President Droupadi Murmu takes off in a Rafale aircraft from the Ambala Air Force Station pic.twitter.com/XP0gy8cYRH
— ANI (@ANI) October 29, 2025
क्यों अहम है ये उड़ान?
राष्ट्रपति की यह उड़ान ऐसे समय में हुई है जब भारत और फ्रांस के बीच नौसेना के लिए 26 राफेल मरीन विमानों की डील को मंजूरी मिल चुकी है. इनमें 22 सिंगल-सीटर और 4 ट्विन-सीटर ट्रेनर जेट शामिल होंगे. यह सौदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की मंजूरी के बाद हुआ है.
#WATCH | Haryana: President Droupadi Murmu to shortly take a sortie in the Rafale aircraft at the Ambala Air Force Station pic.twitter.com/Ekqv0B5urH
— ANI (@ANI) October 29, 2025
तय सौदे के मुताबिक, भारतीय नौसेना को फ्रांस द्वारा 26 राफेल मरीन फाइटर जेट की डिलीवरी दी जाएगी. इनमें से 22 फाइटर जेट सिंगल-सीटर होंगे. वहीं, नौसेना को चार ट्विन-सीटर वेरिएंट के ट्रेनिंग राफेल विमानों की डिलीवरी भी की जाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने नौसेना के लिए फ्रांस से 26 राफेल-एम लड़ाकू विमानों की खरीद को मंजूरी दी थी. सीसीएस से मिली इस मंजूरी के बाद यह डील हुई.
दसाॅ ने बनाया है राफेल
राफेल लड़ाकू विमान फ्रांसीसी कंपनी दसॉ एविएशन द्वारा निर्मित है और सितंबर 2020 में भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ. अंबाला एयरबेस राफेल स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरोज' का मुख्य केंद्र है. इन विमानों ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले कर अपनी ताकत साबित की थी.
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