
CG News: छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण का मुद्दा एक बार फिर से चर्चा में है. मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोपों पर दुर्ग जिले की जीआरपी द्वारा की गई एक कार्रवाई के बाद छत्तीसगढ़ से लेकर केरल तक हलचल तेज हो गई है. मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोपों पर सियासत भी गर्म है. ताजा मामला दुर्ग से जुड़ा है. दुर्ग में 25 जुलाई को जीआरपी ने नारायणपुर के ओरछा की लड़कियों के रेस्क्यू का दावा किया था. साथ ही 2 नन समेत तीन लोगों की गिरफ्तारी की थी. शिकायत थी कि आदिवासी लड़कियों की मानव तस्करी और धर्मांतरण कराने के लिए उन्हें ले जाया जा रहा था. 25 तारीख की इस घटना के बाद से सियासत तेज है. कांग्रेस के केरल और दिल्ली से जुड़े सदस्यों की एक फैक्ट फाइंडिंग टीम दुर्ग जेल में न्यायिक रिमांड पर बंद नन से मिलने पहुंच गई. इसमें इंडिया गठबंधन के कई सांसद और नेता दुर्ग पहुंचे थे. केरल से सांसद एन.के. प्रेमचंद्रन, सप्तगिरि शंकर उल्का, फ्रांसिस जॉर्ज, अनिल ए. थॉमस और विधायक रोजी एम. जॉन के साथ-साथ छत्तीसगढ़ कांग्रेस की सह-प्रभारी जरिता लेतफलांग भी जेल पहुंचीं.
सियासत हुई तेज
छत्तीसगढ़ में केरल की 2 नन की गिरफ्तारी पर सियासत भी तेज है. कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी समेत तमाम नेताओं ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर राज्य की बीजेपी सरकार पर आरोप लगाए हैं. वहीं छत्तीसगढ़ सरकार के इसको लेकर अपने तर्क हैं.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की वरिष्ठ नेता बृंदा करात भी जेल पहुंचीं, लेकिन उन्हें भी ननों से मिलने की अनुमति नहीं दी गई. उन्होंने इस पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि ननों को झूठे आरोपों में फंसाया गया है और बजरंग दल के इशारे पर यह कार्रवाई की गई है. करात ने सवाल उठाया कि बजरंग दल को संविधान में क्या अधिकार प्राप्त है कि वे महिलाओं को जबरन रोक सकें?
छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के विरोध में हंगामे का यह इकलौता मामला नहीं है. इससे पहले भी कई बार मुद्दा गरमाया है.
- धमतरी के बठेना के एक मिशनरी अस्पताल में धर्मांतरण के आरोप में 28 जुलाई को हंगामा हुआ.
- रायपुर में मार्च 2025 में एक डॉक्टर के घर एक साथ 100 लोगों के धर्मांतरण की कोशिश का आरोप लगा.
- बस्तर में धर्मांतरित हुए आदिवासियों का गांव में अंतिम संस्कार का खुलेआम विरोध हो रहा है.
- कांकेर के जामगांव में धर्मांतरित ग्रामीण का कफन-दफन का विरोध 28 जुलाई को हुआ.
- राज्य में गैरकानूनी तरीके से हो रहे धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाने की तैयारी चल रही है.
अब सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने घोषणा की है कि वह इस मामले को संसद में उठाएंगे. उन्होंने कहा कि पुलिस ने बिना किसी ठोस सबूत के ननों को गिरफ्तार किया और उन पर गंभीर धाराएं लगाई गईं. उन्होंने आरोप लगाया कि यह धार्मिक और राजनीतिक पूर्वाग्रह का मामला है. कुल मिलाकर, दुर्ग नन गिरफ्तारी मामला अब केवल कानूनी नहीं, बल्कि एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है, जहां विपक्ष इसे धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के उल्लंघन से जोड़कर संसद से सड़क तक आवाज उठाने का संकेत दे रहा है.
धर्मांतरण के खिलाफ नया कानून
छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के खिलाफ नया कानून लगाने की तैयारी भी की जा रही है. डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा है कि "गैर कानूनी तरीके से होने वाले धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाया जा रहा है. इसको लेकर ड्राफ्टिंग लगभग पूरी कर ली गई है, जरूरी प्रक्रियाएं की जा रही हैं, बहुत संभावना है कि अगले विधानसभा सत्र में इसे लाया जाए."
क्या कहते हैं आंकडे?
छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण से जुड़ी शिकायतों के आंकड़े बताते हैं कि :-
- सत्र 2021-22 में धर्मांरतण को रायपुर जिले में 05, महासमुंद जिले में 10, धमतरी जिले में 01, दुर्ग जिले में 06, बालोद जिले में 01, सरगुजा जिले में 01, जशपुर जिले में 06, बस्तर जिले में 01 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 09 प्रकरणों में प्रकरण पंजीबद्ध किए गए.
- सत्र 2022-23 दुर्ग जिले में 01, जांजगीर-चांपा जिले में 02, कोरबा जिले में 06, बलरामपुर जिले में 02 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 03 प्रकरणों में प्रकरण पंजीबद्ध किये गये.
- सत्र 2023-24 में दुर्ग जिले में 01, बालोद जिले में 01, बिलासपुर जिले में 01, जांजगीर-चांपा जिले में 03, कोरबा जिले में 07, बलरामपुर जिले में 02, कोरिया जिले में 01 शिकायत प्राप्त हुई, जिनमें से 09 प्रकरणों में प्रकरण पंजीबद्ध किये गये.
- सत्र 2024-25 में धर्मांतरण को लेकर रायपुर जिले में 03, महासमुंद जिले में 01, दुर्ग जिले में 01, बालोद जिले में 03, कबीरधाम जिले में 01, बिलासपुर जिले में 08, जांजगीर-चांपा जिले में 05, कोरबा जिले में 07, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में 02, बलरामपुर जिले में 10, सूरजपुर जिले में 01, दंतेवाड़ा जिले में 01 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 23 प्रकरणों में प्रकरण पंजीबद्ध कर 01 प्रकरण में प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई.
गैरकानूनी तरीके से हो रहे धर्मांतरण को लेकर छत्तीसगढ़ में नया कानून कब तक बनेगा, नए कानून में क्या नए प्रावधान होंगे, इसका जवाब भविष्य में ही मिलेगा, लेकिन राज्य में धर्मांतरण का मुद्दा एक बार फिर से चर्चा में है.
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