Chhattisgarh Paddy Procurement: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का सीजन इस बार पूरे रफ्तार में चल रहा है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार किसानों को उनकी उपज का सही दाम दिलाने के लिए लगातार काम कर रही है. इसी कड़ी में रायपुर समेत पूरे प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी सुचारु रूप से जारी है. अब तक 87 लाख टन से ज्यादा धान की खरीदी पूरी हो चुकी है और किसानों को हजारों करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है.
समर्थन मूल्य पर निर्बाध खरीदी
कृषि विभाग के अनुसार खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में केंद्र सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य पर पंजीकृत किसानों से धान खरीदी की जा रही है. इसके लिए प्रदेशभर में 2739 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं, जहां बिना किसी परेशानी के किसानों से धान लिया जा रहा है. धान खरीदी की अवधि 15 नवंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक तय की गई है.
किसानों की सुविधा पर खास ध्यान
राज्य सरकार ने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए हैं कि किसानों को किसी तरह की दिक्कत न हो. खरीदी केंद्रों पर व्यवस्था दुरुस्त रखी जा रही है और साथ ही अवैध धान परिवहन पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है, ताकि ईमानदार किसानों के हक से कोई खिलवाड़ न हो.
किसान पंजीयन में बढ़ोतरी
इस वर्ष धान खरीदी के लिए किसान पंजीयन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई है. खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में एकीकृत किसान पोर्टल और एग्रीस्टेक पोर्टल के माध्यम से 27.40 लाख किसानों का पंजीयन हुआ है. इनका कुल रकबा 34.39 लाख हेक्टेयर है. पिछले साल की तुलना में इस बार करीब 7.5 प्रतिशत ज्यादा किसान और 19 प्रतिशत ज्यादा रकबा पंजीकृत हुआ है.
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एग्रीस्टेक पंजीयन से छूट
सरकार ने कुछ श्रेणियों के किसानों को एग्रीस्टेक पंजीयन से छूट भी दी है. इसमें संस्थागत पंजीयन वाले किसान, भूमिहीन किसान (अधिया/रेगहा), डूबान क्षेत्र के किसान, वन अधिकार पट्टाधारी किसान और ग्राम कोटवार जैसे शासकीय पट्टेदार शामिल हैं. किसान पंजीयन की प्रक्रिया फिलहाल जारी है.
‘तुहर टोकन' से आसान व्यवस्था
किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ‘तुहर टोकन' ऐप के जरिए 24 घंटे टोकन प्राप्त करने की सुविधा दी है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बताया कि अब किसान अपनी जरूरत के अनुसार अगले 20 दिनों तक के लिए टोकन ले सकते हैं. अभी तक 17.24 लाख टोकन जारी किए जा चुके हैं, जिनके जरिए 87 लाख टन धान की खरीदी हुई है.
समय पर भुगतान से किसानों को राहत
11 दिसंबर 2025 तक की स्थिति में सरकार किसानों को धान खरीदी के एवज में 7 हजार 771 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी है. समर्थन मूल्य के तहत यह राशि सीधे किसानों तक पहुंचाई जा रही है, जिससे उन्हें आर्थिक राहत मिल रही है और खेती के अगले चरण की तैयारी आसान हो रही है.
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अवैध धान पर सख्ती
अवैध धान विक्रय और परिवहन को रोकने के लिए जिलों में विशेष जांच दल बनाए गए हैं. इनमें राजस्व, खाद्य, सहकारिता, वन और मंडी विभाग के अधिकारी शामिल हैं. राज्य स्तर पर मार्कफेड के अंतर्गत स्टेट इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर भी स्थापित किया गया है.
अब तक बड़ी कार्रवाई
सरकार की सख्ती का असर साफ दिख रहा है. अब तक प्रदेश में अवैध धान परिवहन और भंडारण के 2000 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. इन कार्रवाइयों में करीब 1.93 लाख टन अवैध धान जब्त किया जा चुका है. इससे यह साफ है कि सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह गंभीर है.