
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में बैकुंठपुर जिला मुख्यालय से लगे ग्राम पंचायत सलका में 3 करोड़ 96 लाख रुपए की लागत से बने सलका स्टेडियम (Salka Stadium) का निर्माण 4 साल बाद भी पूरा नहीं हो सका है. खिलाड़ियों (Players) के लिए खेल सुविधा (Sports Facility) उपलब्ध हाेना ताे दूर, ग्राउंड की लेवलिंग सहित स्टेडियम का कार्य बजट राशि की कमी (Lack of Budget Funds) से बंद पड़ा है. माैजूदा स्थिति यह है कि स्टेडियम का एक कोना करीब 7 से 10 फीट गहरे खाई में है. मैदान में कांटेदार झाड़ियां और खरपतवार उग आई हैं.
अफसरों की वजह से बदहाल है दो मैदान
स्टेडियम का निर्माण पूरा करने के लिए पीडब्ल्यूडी (PWD) ने सवा 4 करोड़ रुपये का रिवाइज्ड एस्टीमेट तैयार किया है. यानी 2 करोड़ 66 लाख खर्च होने के बावजूद स्टेडियम पर सवा 4 करोड़ और खर्च होंगे.
स्कूल ग्राउंड (School Ground) मुख्य मार्ग (Main Road) से लगा हुआ भी है. शहरी क्षेत्र बैकुंठपुर की बात करें तो, यहां मिनी स्टेडियम व एसईसीएल ग्राउंड की स्थिति भी ठीक नहीं है. आए दिन आयोजनों के कारण मैदान में गड्ढे हैं. मिनी स्टेडियम में परेड व सरकारी कार्यक्रम के कारण गिट्टी और मुरूम डाल दी गई है. दोनों मैदान बदहाल पड़े हैं.
स्टेडियम का एक कोना अब भी गहरे गड्ढे में
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के युवा नेता राहुल खस ने कहा कि स्टेडियम का निर्माण पूरा नहीं होने से बैकुंठपुर के खिलाड़ी मायूस हैं. पीडब्ल्यूडी विभाग (PWD Department) 4 साल में स्टेडियम का निर्माण पूरा नहीं करवा सकी है. शहर में आसपास बेहतर स्टेडियम नहीं है, जिससे खेल आयोजन के साथ खिलाड़ी प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे.
4 साल बाद भी निर्माण कार्य अधूरा
खिलाड़ियों के लिए शहर से 5 किमी दूर ग्राम पंचायत सलका में हाइवे से लगकर सर्वसुविधा युक्त स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन 4 साल बीतने के बावजूद स्टेडियम का निर्माण पूरा नहीं हो सका है. ऐसे में शहर के खिलाड़ी दौड़ की प्रैक्टिस सड़क पर कर रहे हैं, तो कहीं खिलाड़ी खेतों में प्रैक्टिस को मजबूर हैं. शहर के मिनी स्टेडियम की जमीन इतनी उबड़-खाबड़ हो गई है कि युवाओं का दौड़ना मुश्किल है. खिलाड़ियों का कहना है कि मैदान में दौड़ने से पैरों में मोच तक आ सकती है. सलका स्कूल ग्राउंड का भी यही हाल है. खिलाड़ी प्रैक्टिस को लेकर परेशान हैं.
रिवाइज्ड एस्टीमेट तैयार कर रहे : EE
पीडब्ल्यूडी के ईई (PWD EE) ने कहा कि प्रशासकीय स्वीकृति 506.09 लाख की मिली थी. ठेकेदार 20% बिलों पर काम कर रहा था. स्टेडियम निर्माण की लागत 396.09 लाख मंजूर हुई थी. अब तक 266 लाख रुपये का भुगतान हो गया है. रिवाइज्ड एस्टीमेट तैयार कर रहे हैं. पहले भी 841 लाख रुपये का एस्टीमेट गया है. जिसपर 506 लाख रुपये की स्वीकृति मिली थी. ग्राउंड समतल नहीं होने के कारण रिटर्निंग वॉल का निर्माण करवाना पड़ रहा है. मेन स्टेडियम का कार्य पूरा हो गया है. बचा हुआ कार्य एक महीने में पूरा हो जाएगा.
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