Chhattisgarh Congress Internal Row: छत्तीसगढ़ की सियासत एक बार फिर गरमा गई है. बलरामपुर जिले के रामानुजगंज विधानसभा क्षेत्र के पूर्व कांग्रेसी विधायक बृहस्पति सिंह ने पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने दावा किया है कि सिंहदेव के इशारे पर उनके नाम से अंबिकापुर और सूरजपुर में FIR दर्ज कराई जा रही है. बृहस्पति सिंह के इस बयान से कांग्रेस खेमे में हलचल मच गई है और एक बार फिर दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है.
कांग्रेस में फिर बढ़ा बृहस्पति-सिंहदेव विवाद
पूर्व विधायक बृहस्पति सिंह और पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव के बीच पुराना राजनीतिक विवाद किसी से छिपा नहीं है. दोनों के बीच पहले भी कई बार तीखे बयानबाजी हो चुकी है. इस बार भी बृहस्पति सिंह ने आरोप लगाया कि सिंहदेव उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश रच रहे हैं और पुलिस थानों में उनके नाम से एफआईआर दर्ज कराई जा रही है.
कांग्रेस में 'निपटो-निपटाओ' संस्कृति का आरोप
पूर्व विधायक ने कांग्रेस संगठन पर भी बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि “निपटो-निपटाओ” की राजनीति के कारण ही पार्टी का पतन हो रहा है. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि सरगुजा संभाग में जिला अध्यक्ष बनाए जाने के लिए 5 से 7 लाख रुपये की मांग की जा रही है. उनके इस बयान ने पार्टी के अंदर भ्रष्टाचार और गुटबाजी को लेकर नई बहस छेड़ दी है.
आदिवासी अत्याचार का लगाया आरोप
बृहस्पति सिंह ने टीएस सिंहदेव पर आदिवासियों के प्रति ऐतिहासिक अत्याचारों के आरोप भी लगाए. उन्होंने कहा कि सिंहदेव का परिवार “रियासत काल” से ही आदिवासियों पर अत्याचार करता आ रहा है. उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि अंग्रेजी हुकूमत के दौरान आदिवासी नेता लागूड़ नगेसिया को मारकर उनके अवशेष स्कूल में प्रदर्शनी के रूप में रखे जाते थे.
झूठे बयानों और षड्यंत्रों का आरोप
पूर्व विधायक ने यह भी कहा कि सिंहदेव अक्सर झूठ बोलते हैं और राजनीतिक लाभ के लिए झूठे बयान देते हैं. उन्होंने दावा किया कि उनके खिलाफ फैलाए जा रहे अफवाहों के पीछे भी सिंहदेव का हाथ है. बृहस्पति सिंह का कहना है कि पार्टी के भीतर उन्हें लगातार निशाना बनाया जा रहा है ताकि वे राजनीति से दूर हो जाएं.
पार्टी में वापसी पर दिया बयान
NDTV के संवाददाता से खास बातचीत में बृहस्पति सिंह ने कहा कि वे अब भी कांग्रेस की विचारधारा में विश्वास रखते हैं, लेकिन पार्टी में व्याप्त गुटबाजी और पैसों के खेल से बेहद निराश हैं. उन्होंने कहा कि यदि पार्टी आत्ममंथन करे और सच्चे कार्यकर्ताओं को सम्मान दे, तो वे वापसी पर विचार कर सकते हैं.
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सियासी हलचल और आने वाले दिन
बृहस्पति सिंह के इन आरोपों ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में नई गर्मी ला दी है. कांग्रेस के भीतर पहले से मौजूद खेमेबाजी अब और खुलकर सामने आ रही है. अब देखना यह होगा कि इन गंभीर आरोपों पर पार्टी की ओर से क्या प्रतिक्रिया आती है और क्या यह मामला संगठन के लिए नई चुनौती बन जाएगा.