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This Article is From Apr 07, 2024

Ambikapur: स्थाई लोक अदालत ने बीमा कंपनी पर ठोका पांच लाख रूपए का जुर्माना, ये है पूरा मामला

Ambikapur Court on Insurance Company: कोरोना काल में एक बीमा धारक की मौत हो गई थी. इसके लिए निर्धारित राशि का भुगतान बीमा कंपनी ने नहीं किया था. मामले में कोर्ट ने आदेश देते हुए कंपनी पर पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया.

Ambikapur: स्थाई लोक अदालत ने बीमा कंपनी पर ठोका पांच लाख रूपए का जुर्माना, ये है पूरा मामला
स्थाई कोर्ट ने लगाया बीमा कंपनी पर जुर्माना

Ambikapur News: अंबिकापुर जिले की स्थाई लोक अदालत ने एक बीमा कंपनी (Insurance Company) के ऊपर पांच लाख रूपए का जुर्माना लगा दिया. असल में, कोरोना काल के दौरान बीमा की शर्तों में कोरोना संक्रमण (Corona) को भी शामिल किया गया था. इसके बावजूद बीमा धारक एक संक्रमित व्यक्ति की मौत होने पर कंपनी ने तय राशि देने से इंकार कर दिया था. इसी मामले में कोर्ट ने बीमा कंपनी को मृतक की पत्नी को पांच लाख 36 हजार 175 रूपए का भुगतान करने के आदेश जारी किए.

मामले को लेकर कोर्ट पहुंचे थे फरियादी

न्यायालयीन सूत्रों के मुताबिक शहनाज बेगम, पति स्वर्गीय नासिर, लखनपुर निवासी ने स्थाई लोक अदालत में परिवाद सुनाते हुए बीमा कंपनी पर आरोप लगाए थे. उन्होंने फरियाद की थी कि पति मो. नासिर का 6 नवंबर 2020 को मैक्स बुपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से 10 लाख रूपए का स्वास्थ्य बीमा कराया गया था. प्रीमियम राशि 43 हजार 811 रूपए का भुगतान किया गया था. बीमा में कोरोना वायरस संक्रमण को भी शामिल करने की शर्त थी.

बीमा कंपनी वाले कर रहे थे गुमराह

पति की मौत के बाद इलाज से लेकर अंतिम संस्कार तक के खर्च को लेकर कंपनी को पांच लाख 37 हजार 821 रूपए का भुगतान करने का प्रकरण प्रस्तुत किया गया था. लेकिन, कंपनी के द्वारा टालमटोल करते हुए कई तरह की नियमों का हवाला दिया गया और फरियादी को गुमराह करने की भी कोशिश की गई.

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सभी साक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए की गई सुनवाई

पूरे मामले में स्थाई लोक अदालत की अध्यक्ष श्रीमती उर्मिला गुप्ता और सदस्य संतोष कुमार शर्मा ने सुनवाई करते हुए रविवार को सभी जरूरी साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर बीमा कंपनी पर जुर्माना लगाया. कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि 12 सितंबर 2022 से 7 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर पर अवेदिका को 4 लाख 36 हजार 175 रूपए का भुगतान 30 दिन के भीतर करें. इसके साथ आर्थिक, मानसिक परेशानी और क्षतिपूर्ति के रूप में एक लाख रूपए भी अदा करें.

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