Chhattisgarh News: अंबिकापुर सहित पूरे प्रदेश में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है. इस गर्मी से जहां एक ओर आम जनजीवन प्रभावित हुआ है वही दूसरी ओर गर्मी के मौसम में अम्बिकापुर में एक दर्जन से ज्यादा जगहों पर आगजनी की घटना हो चुकी है. जिसमें दो बड़े अग्निकांड है जिसे नियंत्रित करने में फायर ब्रिगेड विभाग (Fire brigade department) के जवानों ने को भी काफी मशक्कत करनी पड़ी है. इन दोनों अग्नि कांडों में करोड़ों रुपए के समान स्वाहा हो गए वहीं कुछ लोगों आग से झुलस गए. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर आगजनी की घटनाएं कैसे हो रही है..?और इन घटनाओं को अग्निशामक विभाग के द्वारा नियंत्रित करने में असफल क्यों है ? इन सवालों के जवाब के लिए जब NDTV की टीम जब अंबिकापुर के फायर स्टेशन पहुंची तो उन्हें कई चौंकाने वाले जवाब मिले.
अंबिकापुर फायर स्टेशन के इंचार्ज अंजनी तिवारी ने बताया कि शहर में गर्मी के मौसम में आगजनी की घटनाएं बढ़ रही हैं, इसका प्रमुख कारण भवनों के निर्माण में अग्निशामक नियंत्रण यूनिट को पूरी तरह से अनदेखा किया जा रहा है. इसके लिए अग्निशमन विभाग के द्वारा अंबिकापुर शहर के लगभग 267 संस्थाओं को नोटिस भेजा गया है. इसके बावजूद इनके नोटिस ग्राहितों के द्वारा कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है उन्होंने बताया कि अग्निशामक सिर्फ नोटिस दे सकता है. कार्रवाई नहीं कर सकता है. कार्रवाई करने का जिम्मा जिला प्रशासन का होता है. ऐसे में दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं.
उन्होंने बताया कि हाल में ही अंबिकापुर शहर में हुए एक अग्निकांड में एक स्पोर्ट्स सेंटर वह होटल में आग लगी जिसे भी लगभग 15 दिन पहले ही नोटिस दिया गया था. लेकिन दोनों संस्थाओं ने फायर ब्रिगेड विभाग के नोटिस की अनदेखी कर दी गई.
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नहीं है अत्याधुनिक तकनीकी वाली सुविधाएं
अंबिकापुर फायर स्टेशन के प्रभारी ने बताया कि अब फायर स्टेशन का संचालन होमगार्ड के द्वारा का संचालित किया जाता है. फायर स्टेशन में चार बड़े वाहन व दो छोटे आधुनिक सामक वाहन है. उन्होंने बताया कि शहर में लगातार ऊंचे-ऊंचे भवनों का निर्माण हो रहा है. जो 6 माला से लेकर 10 माला तक के हैं. ऐसे में वे सिर्फ तीन माला तक के भवनों में ही आग लगने की स्थिति पर आग को नियंत्रित कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि स्पोर्ट्स सेंटर व होटल राधे कृष्णा 6 माला के होने के कारण ही वहां लगे आग को नियंत्रित नहीं किया जा सकता. फायर ब्रिगेड को अत्यधिक वाहन व सुविधा के लिए राज्य सरकार को पत्र भी लिखा गया है.
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