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Jaitkham of Girodpuri: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाज़ार जिले में हिंसा की आग भड़की हुई है. कलेक्ट्रेट,एसपी दफ्तर के अलावा 100 से ज्यादा गाड़ियों को फूंक दिया गया है. इस घटना के बाद हर कोई ये जानना चाह रहा है कि सतनामी समाज और जैतखाम आखिर क्या है ? आइए जानते हैं इसके बारे में ..
सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी दूर मानाकोनी बस्ती स्थित अमर गुफा में धार्मिक चिन्ह जैतखाम को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था. सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दिए, इसके बाद भी बलौदा बाजार में बड़ी हिंसा हो गई. उपद्रवियों ने कलेक्ट्रट भवन और 100 से ज्यादा वाहनों को आग के हवाले कर दिया।
जानें कौन हैं गुरु घासीदास
मानवता के पुजारी संत गुरु घासीदास जी का जन्म छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के गिरौदपुरी गांव में 18 दिसंबर सन 1756 को हुआ था. युवा अवस्था में उन्होंने घने जंगलों से परिपूर्ण छाता-पहाड़ के नाम से प्रसिद्ध पर्वत पर कठोर तपस्या की थी. इस तपस्या के बाद उन्होंने गिरौदपुरी पहुंचकर लोगों को सत्य, करुणा, दया, अहिंसा और परोपकार के उपदेशों के साथ मानवता का संदेश दिया था.
अब जानते हैं क्या है जैतखाम ?
जैतखाम सतनामी समाज की आस्था का प्रतीक है. जैतखाम छत्तीसगढ़ का एक शब्द है. जैत का अर्थ जय और खाम का अर्थ खम्भा होता है. जहां- जहां सतनामी रहते हैं वहां इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है. जिस जगह ये लोग रहते हैं विशेष स्थान को देखकर जैतखाम बनाते हैं. इसके ऊपर सफेद रंग की ध्वजा फहराई जाती है. यह सतनामियों के लिए विजय का प्रतीक है.
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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से करीब 145 किलोमीटर दूर गिरौदपुरी गांव बाबा गुरु घासीदास की जन्म स्थली है. सतनामियों की संख्या ज़्यादा है. जैतखाम के प्रति आस्था को देखते हुए साल 2014 को सुंदर और भव्य जैतखाम बनाया गया है. ये कुतुब मीनार से भी ऊंचा है. इस जैतखाम की ऊंचाई 77 मीटर है जबकि कुतुब मीनार की ऊंचाई 72.5 मीटर है. दिन ढलते ही दूधिया रोशनी में जैतखाम की भव्यता देखते ही बनती है.
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सतनाम समुदाय के बारे में
गुरु घासीदास ने छत्तीसगढ़ में सतनामी समुदाय की स्थापना की थी. सतनाम - जिसका अर्थ है "सत्य". गुरु घासीदास ने जय स्तंभ नामक सत्य का प्रतीक बनाया. लकड़ी का एक सफ़ेद रंग का लट्ठे के शीर्ष पर एक सफ़ेद झंडा होता है. यह संरचना एक श्वेत व्यक्ति को दर्शाती है जो सत्य का पालन करता है. "सतनाम" हमेशा दृढ़ रहता है और सत्य का स्तंभ ( सत्य स्तंभ ) है. सफ़ेद झंडा शांति का संकेत देता है. सतनामी समाज और जैतखाम दोनों ही नाम छत्तीसगढ़ राज्य के लिए बहुत आम हैं क्योंकि यहां पर लगभग सभी गांवों में सतनामी लोग रहते हैं. यहां गांव-गांव में जैतखाम बने हुए हैं और रोजाना इसे मानने वाले इस पवित्र स्तंभ की पूजा भी करते हैं. सतनामी समुदाय गुरु घासीदास को मानने वाले हैं. इस समाज के लोग हमेशा सच्चाई पर चलते हैं और सतनाम का जप करते हैं.
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