Mahasamund News: इन दिनों प्रूदषण की वजह से दिल्ली-NCR की चर्चा हर तरफ हो रही है. वहां स्कूल-कॉलेज को ऑनलाइन करना पड़ा और तमाम तरह की पाबंदियां लगानी पड़ी लेकिन देश की राजधानी से करीब 1300 किलोमीटर दूर महासमुंद में प्रदूषण (Mahasamund Pollution) को लेकर अलग ही समस्या खड़ी हो गई है. यहां स्टील और पावर प्लांट के प्रदूषण (Steel Power Plant Pollution) की वजह से 15 गांवों की करीब 7000 एकड़ की खड़ी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है. किसान परेशान हैं लेकिन मजबूर भी हैं. अब इलाके के विधायक और सांसद ने मामला केन्द्र और राज्य सरकार के सामने उठाने का आश्वासन दिया है.
फसल से लेकर सब्जी तक खराब
दरअसल महासमुंद विधानसभा क्षेत्र में खैरझिटी,मालीडीह ,पिरदा ,कौंवाझर सहित 15 गावों के किसानों ने अथक मेहनत करके अपने खेतों में अलग-अलग तरह की फसल उगाए. फसल तैयार हुई लेकिन मंडी में कोई उसे खरीदने को तैयार नहीं हुआ. शासकीय धान खरीद केन्द्रों पर भी सरकारी एजेंसियों ने भी उसे खारिज कर दिया. वजह है प्रदूषण. इसकी वजह से पक चुकी धान की फसल काली पड़ गई है. जिन किसानों ने सब्जियां वैगरह उगाई थीं वो भी खराब हो चुकी हैं. आप इन इलाकों में घूम आइए तो पेड़-पौधे भी आपको काले पड़े मिलेंगे. किसानों का कहना है कि इससे उनके पैसे भी बर्बाद हुए हैं. यदि इन बर्बाद फसलों का आकलन करें तो ये नुकसान करोड़ों में बैठेगा. फसल और पेड़ पौधों के अलावा लोगों के घरों में भई प्रदूषण की वजह से कालापन आ रहा है.
विधायक बोले- किसानों को मुआवजा दिलाएंगे
किसान इसकी वजह बताते हैं करणी कृपा स्टील एवं पावर प्लांट.ग्रामीणों की शिकायत पर महासमुंद विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने पूरे इलाके का निरीक्षण किया. तुमगांव में उन्होंने पत्रकारों से भी बात की. उन्होंने बताया कि स्टील प्लांट की वजह से प्रदूषण हो रहा है. जिस खेत में पहले 20 क्विंटल से अधिक पैदावार होती थी वहां अब 10 क्विंटल ही धान हो पा रहा है. उसमें से भी 50 फीसदी फसल प्रदूषण की वजह से खराब हो जा रही है. खराब हुआ ये धान न तो बेचने लायक है और न ही खाने लायक. ऐसी स्थिति में किसानों का बहुत नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि वे इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी से करेंगे. विधायक ने ही बताया कि महासमुंद लोकसभा की सांसद रूपकुमारी चौधरी ने इसकी शिकायत केन्द्रीय मंत्री से की है. उन्होंने बताया कि वे कोशिश करेंगे स्टील पावर प्लांट की ओर से किसानों को मुआवजा दिलाया जाए.
स्टील पावर प्लांट से कैसे होता है प्रदूषण?
दरअसल स्टील और सीमेंट उद्योग दुनिया के सबसे ज़्यादा प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों में से एक हैं. स्टील बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले कोक और कोकिंग प्रक्रिया से निकलने वाला प्रदूषित पानी पर्यावरण के लिए बहुत हानिकारक होता है. कोक ओवन से निकलने वाला नेफ़थलीन हवा को जहरीला बनाता है. कोकिंग की प्रक्रिया में साइनाइड, सल्फाइड, अमोनियम और अमोनिया भी निकलता है. इसके अलावा स्टील प्लांट से भारी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) भी निकलता है.
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