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This Article is From Aug 11, 2023

मुश्किल में बिलासपुर के पूर्व DEO, हाईकोर्ट ने कहा- 42 दिनों में हो आय से अधिक संपत्ति की जांच

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि इस संबंध में संबंधित विभाग में कई बार आवेदन देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की डिवीजन बेंच में हुई.

मुश्किल में बिलासपुर के पूर्व DEO, हाईकोर्ट ने कहा- 42 दिनों में हो आय से अधिक संपत्ति की जांच
आय से अधिक संपत्ति मामला

बिलासपुर: जिले के तत्कालीन जिला शिक्षाधिकारी और संयुक्त संचालक आरएन हीराधर के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के प्रकरण में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने एसीबी को नोटिस जारी कर 42 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं. याचिकाकर्ता ने शिकायत की है कि दो साल पहले एसीबी ने दस्तावेजों की जब्ती बनाई. इसके बाद आजतक रिपोर्ट पेश नहीं की गई है.

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि शिकायत के आधार पर एंटी करप्शन ब्यूरो ने तत्कालीन डीईओ और संयुक्त संचालक आरएन हीराधर के निवास पर छापामार कार्रवाई की थी. आय से अधिक संपत्ति के मामले में महत्वपूर्ण दस्तावेज की जब्ती भी बनाई गई थी. इसके बाद एसीबी ने फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया. दो साल बाद भी जांच रिपोर्ट पेश नहीं की गई है.

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42 दिनों में हो आय से अधिक संपत्ति की जांच

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वर्ष 2021 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) (बी), 13 (2) के तहत एंटी करप्शन ब्यूरो के अफसरों ने प्रकरण दर्ज किया था. इसके बाद से मामले में कार्रवाई नहीं की गई. बिलासपुर निवासी रजनीश साहू ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता ने जांच कर रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश करने की मांग की है.

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि इस संबंध में संबंधित विभाग में कई बार आवेदन देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की डिवीजन बेंच में हुई. बेंच ने छह सप्ताह के भीतर जांच पूरी कर सीआरपीसी की धारा 173(2) के तहत संबंधित कोर्ट में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं.

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बता दें कि तत्कालीन डीईओ आरएन हीराधर के खिलाफ वर्ष 2021 में एंटी करप्शन ब्यूरो में शिकायत की गई थी. दस्तावेज के साथ की गई शिकायत में बताया गया था कि विजयापुरम कालोनी में आलीशान मकान और प्लाट, मोपका व चांटीडीह में करोड़ों की जमीन, कांकेर जिले में कृषि भूमि, खुद के नाम पर कई खाते और कई जगह एफडी व कई महंगी गाड़ियां हैं. साथ ही खुद, बेटे और अन्य रिश्तेदारों के नाम पर करोड़ों की संपत्ति होने का दावा किया गया था.

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