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बेगमों के शासनकाल का गवाह है भोपाल का गौहर महल, इसके आस-पास होती हैं फिल्मों शूटिंग

Bhopal Best Tourist Place : गौहर महल एक भव्य महल है. रियासत के दौर में पहली महिला शासक कुदसिया बेगम ने इस महल को 1820 में बनवाया था, इसे गौहर के नाम से भी बुलाया जाता है, ऐसे में इसका नाम गौहर महल पड़ गया. करीब साढ़े चार एकड़ में फैला हुआ ये महल वास्तु कला का सर्वोच्च उदहारण है.

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बेगमों के शासनकाल का गवाह है भोपाल का गौहर महल, इसके आस-पास होती हैं फिल्मों शूटिंग

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल झीलों के शहर (Bhopal) के नाम से जाना जाता है. भोपाल नवाबों के शहर के नाम से भी मशहूर है. नवाबों के शहर के साथ ही बेगमों के शासनकाल के लिए भोपाल शहर जाना जाता है. बेगमों का दौर शुरू होने की यहां की एक रोचक कहानी है, उसी कहानी से जुड़ा है भोपाल का गौहर महल (Gauhar Mahal). इस महल का निर्माण कुदसिया बेगम (Kudasiya Begum) ने कराया था. भोपाल में VIP रोड़ के किनारे मौजूद यह महल बेगमों के शासनकाल का गवाह रहा है. इसके आस-पास का दृश्य शूटिंग के लिहाज से उपयुक्त है. यहां कई फिल्मों, वेबसीरीज और टीवी सीरियल्स की शूटिंग हो चुकी है. आइए जानते हैं भोपाल के गौहर महल की कहानी के बारे में...

कौन थी कुदसिया बेगम

गौहर महल एक भव्य महल है. रियासत के दौर में पहली महिला शासक कुदसिया बेगम ने इस महल को 1820 में बनवाया था, इसे गौहर के नाम से भी बुलाया जाता है, ऐसे में इसका नाम गौहर महल पड़ गया. करीब साढ़े चार एकड़ में फैला हुआ ये महल वास्तु कला का सर्वोच्च उदहारण है. महल बेहद दिलचस्प है और इसका दीदार करने सैकड़ों की संख्या में सैलानी यहां पहुंचते हैं.

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महल के तीन आंगन की कहानी

इस ये महल इतना खूबसूरत है कि यहां दूर-दूर से लोग इसे देखने आते हैं. महल में तीन आंगन हैं. पहले हिस्से में दीवान-ए-आम था जिसमें आम लोगों की बातें सुनी जाती थी. दूसरा हिस्सा दीवाने-ए-ख़ास था जिसमें शहर के खास ओहदे वाले लोगों को ही इजाजत दी जाती थी और उसके बाद ही अनुमति मिलने के बाद वे अंदर प्रवेश कर पाते थे. वहीं तीसरा और आख़िरी हिस्सा बेहद सामान्य है. आपको बता दें महल से बड़े तालाब का नज़ारा दिखता है जो कि बेहद मनमोहक दृश्य है.

इकबाल मैदान की कहानी

लगभग 4.65 एकड़ क्षेत्र में फैले इस महल में एक खुफिया गुफा भी थी, जो 45 किलोमीटर दूर जाकर रायसेन के किले में मिलती थी. यहां पर इकबाल मैदान भी है. आपको जानकर हैरानी होगी कि ये मैदान शौकत महल, मोती महल और गौहर महल का आंगन हुआ करता था.

रात के अंधेरे में भी चमकता है ये कमरा

गौहर महल से जुड़ी कई खास बातें हैं. जानकारों के अनुसार कुदसिया बेगम का कमरा इतना खास था कि नक्काशी के साथ ही इसकी दीवारों पर एक चमकीला पदार्थ भी लगाया गया था, मोमबत्तियों की रोशनी और अभ्रक की वजह से ये कमरा अंधेरे में भी चमकता रहता था और दरवाजों पर कांच से विशेष रूप से नक्काशी की गई है.

फोटोसेशन के लिए है मशहूर

राजधानी भोपाल में ये महल इतना मशहूर है कि यहां दूर-दूर से लोग आते हैं. आज यहां सैकड़ों की संख्या में लोग प्री वेडिंग शूट, शाॅर्ट फिल्म्स, फ़ोटो सेशन करवाते हैं और महल की नक्काशी का दीदार करते हैं. ये महल सर्दियों में और खास हो जाता है क्योंकि महल चारों ओर से खुला हुआ है और यहां भीनी-भीनी धूप पड़ती है.

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