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This Article is From Oct 17, 2023

MP Election 2023 : विकास के दावों की पोल खोलता है यह गांव, यहां शादी करने से कतराते है लोग

विधानसभा चुनाव (Assembly Election) की तारीखों का ऐलान हो चुका है. ऐसे में राजनीतिक पार्टियों के नेता अपनी-अपनी 'विकास गाथा' सुनाने में व्यस्त हैं. लेकिन के कुछ जगहें ऐसी भी हैं जो विकास के सभी दावों की पोल खोल रही हैं. ऐसी ही एक जगह है अनूपपुर (Anuppur) में, जहां के गांव में लोग अपनी बेटी की शादी करने से भी कतराते हैं.

MP Election 2023 : विकास के दावों की पोल खोलता है यह गांव, यहां शादी करने से कतराते है लोग
अनूपपुर:

Madhya Pradesh News : मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव (Assembly Election) की तारीखों का ऐलान हो चुका है. ऐसे में राजनीतिक पार्टियों के नेता अपनी-अपनी 'विकास गाथा' सुनाने में व्यस्त हैं. लेकिन के कुछ जगहें ऐसी भी हैं जो विकास के सभी दावों की पोल खोल रही हैं. ऐसी ही एक जगह है अनूपपुर (Anuppur) में, जहां के गांव में लोग अपनी बेटी की शादी करने से भी कतराते हैं.

गांव में रोड़ नहीं, नल शो पीस की तरह हैं

अनूपपुर जिले में आने वाली ग्राम पंचायत बीजापुरी नम्बर 1 का संगम टोला गांव नर्मदा नदी के किनारे बसा हुआ है. इस गांव की आबादी लगभग 300 करीब है और यहां लगभग 150 मतदाता हैं. लेकिन आजादी के 76 वर्ष बीत जाने के बाद भी गांववालों ने विकास का मुंह नहीं देखा है. मूलभूत सुविधाओं के लिए आज भी ग्रामीण तरस रहे हैं. यहां चलने के लिए सड़क नहीं है. आंगनबाड़ी दूर होने के चलते छोटे बच्चे आंगनबाड़ी नहीं जा पाते हैं.

हर घर तक नल जल का ढिंढोरा पीटने वालों को इस गांव में आकर यह जरूर देखना चाहिए कि नल तो लगा दिया गया लेकिन वो शो पीस बना हुआ है. ग्रामीण झिरिया का पानी या नदी का पानी पीकर अपनी प्यास बुझाते हैं.

इस गांव में पहुंचना ही अपने आप में है चुनौती

NDTV की टीम पगडंडियों के रास्ते होते हुए जद्दोजहद कर इस गांव में तो पहुंच गई, लेकिन वापस आने के लिए फिर उसी रास्ते से जद्दोजहद करने से बचने दूसरा रास्ता पूछा तो गांववालों ने शॉर्टकट इटोर पहुंचने वाले रास्ते को बता दिया. इसी रास्ते का इस्तेमाल ज्यादातर गांववालों करते हैं. जब हमारी टीम ने उस रास्ते को देखा तो हौसले टूटने लगे, क्योंकि यहां नाले और चढ़ाई को पार करने की चुनौती थी. इतने में ही ग्रामीणों ने हौसला देते हुए मोटरसाइकिल को खुद धक्का मारकर नाले और चढ़ाई को पार कराया.

कोई बीमार हो गया तो उसे कंघे में ढोना पड़ता है

यहां के ग्रामीणों ने बताया कि इस गांव मे सबसे बड़ी समस्या सड़क की है. जीने के लिए तो हम गंदा पानी भी पीकर जिंदा रह लेंगे, लेकिन सड़क न होने के चलते काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. हालात तो ऐसे है कि अगर कोई बीमार पड़ गया तो उसे कंधे में ढोकर ले जाने के अलावा कोई दूसरा विकप्ल नहीं बचता.

ग्रामीणों का कहना है कि बारिश के दिनों में जब किसी महिला को डिलेवरी के लिए ले जाते हैं तो कीचड़ की वजह से मुख्य मार्ग तक नहीं पहुंच पाते. एम्बुलेंस आने में दिक्कत होती है, ऐसी स्थिति में उन महिलाओं की डिलेवरी गांव की दाई कराती हैं.

ग्रामीणों ने बताया कि इस गांव मे कोई शादी के लिए लड़की भी नहीं देना चाहता. सीधा जवाब दिया जाता है कि तुम्हारे गांव में सड़क नहीं है, इसलिए शादी नहीं करेंगे.

इन समस्याओं को लेकर कुछ ग्रामीणों ने तो चुनाव बहिष्कार की बात भी कर दी है. उनका आरोप है जब हमें योजनाओं का लाभ ही नहीं मिल रहा तो आखिर हम वोट क्यों दें? 

जिम्मेदारों का क्या कहना है?

इस मामले में जब हमने ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक अर्जुन सिंह से जब पूछा कि संगम टोला में पंचायत ने क्या विकास किये तो उन्होंने कहा कि सिर्फ हितग्राही मूलक काम दिए हैं. जैसे कि खेत तलाब, बोल्डर वाल. जल निगम के इंचार्ज से जब पानी सप्लाई न मिल पाने की बात पूछी गई तो उन्होंने कहा कुछ घर ऐसे है जहां पानी नहीं पहुंच रहा है, टीम भेज कर चेक करवा लेते हैं, आखिर क्यों पानी नही जा रहा है. वहीं जनपद पुष्पराजगढ़ के सीईओ के.के. सोनी ने इस गांव का जल्द निरीक्षण कर प्लान बना कर विकास पहुचाने की बात कही है ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि आखिर इस गांव में कब तक विकास पहुंच पाएगा.

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