MP Assembly Election 2023: मध्यप्रदेश में मतदान हो जाने के बाद अब नेताओं के चुनावी खर्च सामने आने लगे हैं. वैसे तो चुनाव आयोग (Election Commission) ने एक प्रत्याशी के लिए खर्च की सीमा 28 लाख से बढ़ाकर 40 लाख तय की थी लेकिन अब तक आई रिपोर्ट के मुताबिक किसी भी प्रत्याशी ने आधिकारिक तौर पर इतना खर्च नहीं किया है. बता दें कि कुल चुनावी खर्च का ब्यौरा और फिर उसकी पुष्टि होने में थोड़ा वक्त लगता है. बता दें कि रिजल्ट आने के 30 दिनों के अंदर सभी उम्मीदवारों को चुनाव खर्च का हिसाब देना होता है. कुछ उम्मीदवारों ने चुनाव खर्च के हिसाब दिए हैं. हालांकि, प्रारंभिक आंकड़ों में पता चलता है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष (State President of Congress) और सीएम पद के प्रत्याशी कमलनाथ (Kamalnath) 16 लाख 47 हजार रुपये खर्च किए हैं जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने 11 लाख 66 हजार रुपये खर्च किए हैं.
वैसे अभी तक की जानकारी के मुताबिक दिग्गज नेताओं में अभी तक केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते (Faggan Singh Kulaste)ने ज्यादा खर्च किए हैं. उन्होंने चुनाव प्रचार में 18 लाख 30 हजार 587 रुपए खर्च किए हैं. फग्गन सिंह कुलस्ते का विधानसभा क्षेत्र मंडला में पड़ता है. चुनाव आयोग ने पोर्टल पर ये जानकारियां साझा की हैं जो अभी और अपडेट होगा.
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल खर्च के मामले में दूसरे नबंर पर हैं.वह नरसिंहपुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार हैं.उन्होंने 13 नवंबर तक 17 लाख 57 हजार 852 रुपए खर्च किए हैं.केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar)को बीजेपी ने मुरैना जिले के दिमनी विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है. 14 नवंबर तक उन्होंने 11 लाख 36 हजार 480 रुपए खर्च किए हैं. दिलचस्प ये है कि इंदौर-1 सीट पर बीजेपी के दिग्गज नेता कैलाश विजयर्गीय (Kailash Vijayargiya)के मुकाबले में खड़े संजय शुक्ला ने केवल 15 लाख का खर्च दिखाया है जबकि उन्हीं के शपथ पत्र के मुताबिक उनकी संपत्ति 200 करोड़ से ज्यादा की है. उनसे ज्यादा खर्च कैलाश विजयवर्गीय ने किया है. कैलाश ने 21 लाख से कुछ अधिक खर्च किए हैं. आयोग के आंकड़ों पर ध्यान दें तो अधिकांश बड़े नेताओं ने सबसे ज्यादा खर्च वाहनों के किराए और विज्ञापन पर किए हैं. बता दें कि ये अंतिम खर्च नहीं है. प्रदेश में आचार संहिता लागू होने के बाद प्रत्याशी जो भी खर्च करते हैं, वह चुनावी खर्चे में शामिल होता है. इसमें सभी तरह के खर्चे शामिल होते हैं.
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