विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Dec 08, 2023

जबलपुर पश्चिम विधानसभा: जनता ने तरुण को हरा कर राकेश को सांसद से विधायक बना दिया

सांसद राकेश सिंह को टिकट मिलने के बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि वे इस चुनाव में हार भी सकते है क्योंकि संसद सदस्य के नाते वे सभी 8 विधान सभा के नेता थे और पश्चिम सीट पर ज्यादा सक्रिय नहीं थे. पर उन्होंने अपनी कुशल चुनावी प्रबंधन से इस कठिन लड़ाई को आसान बना दिया.

जबलपुर पश्चिम विधानसभा: जनता ने तरुण को हरा कर राकेश को सांसद से विधायक बना दिया

Madhya Pradesh Assembly Election 2023: इस बार के विधानसभा चुनाव में जबलपुर पश्चिम (Jabalpur West Assembly Seat) की विधानसभा सीट हाईप्रोफाइल थी. जहां बीजेपी ने स्ट्रेटजी के तहत 4 बार के सांसद राकेश सिंह (Rakesh Singh)को विधानसभा प्रत्याशी बनाकर कांग्रेस के पूर्व वित्त मंत्री और कद्दावर नेता तरुण भनोत (Tarun Bhanot)के खिलाफ उतार दिया था. सांसद राकेश सिंह ने  पार्टी से मिले इस नए टास्क को  बखूबी निभाते हुए तरुण भनोत को 30 हजार 134 वोटों से पटखनी देकर चित कर दिया. 

कठिन चुनाव आसानी से जीता 

सांसद राकेश सिंह को टिकट मिलने के बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि वे इस चुनाव में हार भी सकते है क्योंकि संसद सदस्य के नाते वे सभी 8 विधान सभा के नेता  थे और पश्चिम सीट पर ज्यादा सक्रिय नहीं थे. पर उन्होंने अपनी कुशल चुनावी प्रबंधन से इस कठिन लड़ाई को आसान बना दिया. जब उनके टिकट का ऐलान हुआ था तो जमीनी हकीकत ये थी कि इस सीट पर हरेंद्रजीत सिंह बब्बू (Harendrajit Singh Babbu) हार रहे थे, बीजेपी नहीं. राकेश सिंह ने इसे ही साधा और जीत दर्ज कर दी.  

जिला ग्रामीण अध्यक्ष से की थी शुरुआत

सांसद राकेश सिंह जबलपुर में छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे. छात्र जीवन में वे अपने असल नाम घनश्याम के नाम से जाने जाते थे. सदी की शुरुआत यानि साल 2000 के करीब वे भाजपा जिला ग्रामीण अध्यक्ष बने.

राकेश सिंह को प्रहलाद पटेल का विश्वस्त माना जाता था. दोनों गुरुभाई भी थे. 2004 में जब उमा भारती मुख्यमंत्री बनीं तो उस चुनाव में प्रबंधन का पूरा जिम्मा प्रहलाद पटेल (Prahlad Patel) ने ही उठाया था.

कुछ माह बाद एनडीए ने लोकसभा भंग कर दी और शाइनिंग इंडिया के नारे के साथ आम चुनाव के मैदान में उतरी. राकेश सिंह ने अपना पहला चुनाव जबलपुर के पूर्व महापौर विश्वनाथ दुबे के खिलाफ लड़ा था और उस जीत के बाद फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा.साल 2018 में वे बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी बने हालांकि विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में हार का मुंह देखने के बाद उनसे यह पद लेकर उनके विश्वस्त रहे बीडी शर्मा (BD Sharma) को दे दिया गया.

ब्राह्मण और सिख हैं निर्णायक

 यह सीट कभी बीजेपी का गढ़ हुआ करती थी, लेकिन पिछले दो विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने बीजेपी को हराया है.

इस बेहद हाई प्रोफाइल सीट से फिलहाल कमलनाथ सरकार में वित्त मंत्री रहे तरुण भनोट विधायक थे. इस बार वो हैट्रिक लगाने लगाना चाहते थे लेकिन हार गए.यहां ब्राह्मण समेत सिख समुदाय से जुड़े वोटर्स निर्णायक भूमिका में रहते हैं.

जबलपुर पश्चिम सीट पर  1998,2003 और 2008 में बीजेपी के हरेंद्रजीत सिंह बब्बू विधायक चुने गए थे. लेकिन 2013 के बाद से यह सीट कांग्रेस के खाते में आ गई थी . 

जिले की सबसे बड़ी विधानसभा सीट 

वोटर्स के लिहाज से जबलपुर पश्चिम विधानसभा जिले की सबसे बड़ी विधानसभा सीट है. यहां कुल 2 लाख 18 हजार 903 मतदाता हैं,जिनमें 1लाख 11 हजार 672 पुरुष और 1 लाख 7 हजार 220 महिला वोटर्स के साथ-साथ 11 अन्य वोटर्स हैं. यहां जातिगत समीकरण की बात की जाए, तो यहां अनुसूचित जाति के 13 फीसदी ,अनुसूचित जनजाति वर्ग के सबसे कम 4 फीसदी,अन्य पिछड़ा वर्ग के 23 फीसदी मतदाता और अल्पसंख्यक वर्ग के 15 फीसदी मतदाता हैं. यहां सामान्य वर्ग के सबसे अधिक 45 फीसदी मतदाता हैं. 

पश्चिम सीट का चुनावी इतिहास

2008 से लेकर 2018 तक के तीन विधानसभा चुनाव परिणामों पर नजर डालें, तो 2018 में कांग्रेस के तरुण भनोत को 18,683 मतों से जीत मिली थी.2013 के विधानसभा चुनाव में हरेंद्र जीत सिंह बब्बू को कड़ी टक्कर देते हुए तरुण भनोत ने 923 वोटों से जीत हासिल की थी. हालांकि इसके बाद 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार तरुण भनोत को हार का मिली थी. उन्हें बीजेपी के हरेंद्र जीत बब्बू ने 8901 वोटों से हराया था.

ये भी पढ़ें: लहार विधानसभा सीट: 33 साल बाद गोविंद सिंह के अपराजेय किले को भाजपा ने यूं ढहाया

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
NDTV Madhya Pradesh Chhattisgarh
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
Chhattisgarh Assembly Election Result: बीजापुर में पूर्व मंत्री महेश और विधायक विक्रम के बीच छिड़ी जुबानी जंग, जानिए क्या है मामला
जबलपुर पश्चिम विधानसभा: जनता ने तरुण को हरा कर राकेश को सांसद से विधायक बना दिया
Lokniti-CSDS Survey: Unemployment, inflation and corruption, due to these reasons the "rice bowl" Chhattisgarh slipped from the hands of Congress
Next Article
Lokniti-CSDS Survey : बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार, इन वजहों से कांग्रेस के हाथ से फिसला "धान का कटोरा"
Close
;