Pariksha Pe Charcha Contest 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 'परीक्षा पे चर्चा' (Pariksha Pe Charcha) यानी पीपीसी 2025 (PPC 2025) का हिस्सा बनने के लिए इस वर्ष रिकॉर्ड संख्या में छात्रों, अभिभावकों व शिक्षकों ने अपना पंजीकरण कराया है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक अभी तक परीक्षा पे चर्चा में शामिल होने के लिए 3.25 करोड़ से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराए हैं जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. परीक्षा पे चर्चा में रजिस्ट्रेशन (Pariksha Pe Charcha Registration) कराने वालों में बड़ी संख्या में विदेशी छात्र भी शामिल हैं. रजिस्ट्रेशन की यह प्रक्रिया फिलहाल चालू है लेकिन 14 जनवरी, मंगलवार को पंजीकरण का आखिरी दिन है, इसके बाद पंजीकरण प्रक्रिया बंद कर दी जाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उल्लेखनीय पहल, 'परीक्षा पे चर्चा' (पीपीसी), परीक्षा से जुड़े तनाव को कम करने का तरीका सिखाती है.
छात्र, शिक्षक और अभिभावक प्रधानमंत्री @narendramodi से जुड़कर पाएंगे जीवन की दिशा के लिए प्रेरणा और सुझाव।
— Ministry of Education (@EduMinOfIndia) January 12, 2025
परीक्षा पे चर्चा का हिस्सा बनें और अभी पंजीकरण करें। पंजीकरण की अंतिम तिथि 14 जनवरी 2025 है।
जानकारी के लिए विजिट करें: https://t.co/QkxTHKZntH#ParikshaPeCharcha… pic.twitter.com/1vGelCnftP
परीक्षा का दबाव दूर करें
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि यह पहल परीक्षा को जश्न के पर्व में परिवर्तित करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन के रूप में निरंतर प्रगति कर रही है. गौरतलब है कि इस चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री परीक्षा से जुड़े छात्रों के विभिन्न प्रश्नों का उत्तर देते हैं. इसके साथ ही प्रधानमंत्री छात्रों को यह मार्ग भी दिखाते हैं कि कैसे बिना तनाव और दबाव के परीक्षाओं में शामिल होना है.
पीपीसी की भावना के अनुरूप, 12 जनवरी 2025 (राष्ट्रीय युवा दिवस) से 23 जनवरी 2025 (नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती) तक स्कूल स्तर पर कई आकर्षक गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है. इन गतिविधियों का उद्देश्य छात्रों के समग्र विकास को प्रोत्साहन देना और परीक्षाओं को उत्सव के रूप में मनाने के लिए प्रेरित करना है.
इन गतिविधियों में स्वदेशी खेल प्रतियोगिताएं, मैराथन दौड़, मीम प्रतियोगिताएं, नुक्कड़ नाटक, योग और ध्यान सत्र, पोस्टर प्रतियोगिता, प्रेरणादायक फिल्मों का प्रदर्शन, मानसिक स्वास्थ्य कार्यशालाएं और परामर्श सत्र, कविता व गीत आदि शामिल हैं. इन गतिविधियों के माध्यम से शिक्षा को दबावपूर्ण गतिविधि के बजाय एक यात्रा के रूप में मनाना सिखाया जाता है.
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