
2016 बैच के IAS विनय कुमार लंगेह को बतौर कलेक्टर पहली पोस्टिंग कोरिया जिले में ही मिली है. भले ही कलेक्टर के पद पर यह उनकी पहली पदस्थापना हो लेकिन कोरिया जिले को लेकर उनकी योजनाएं बड़ी हैं. वे मानते हैं कि इलाके में पर्यटन की ढेरों संभावनाएं हैं. जिसके लिए यहां बुनियादी सुविधाएं बढ़ाने और ऐतिहासिक महत्व की चीजों को पहचान दिलाने की जरूरत है. बकौल विनय इससे जिले को दोहरा फायदा होगा...एक तो विकास होगा दूसरे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. इसी मकसद को ध्यान में रखते हुए उन्होंने कोरिया जिले के प्रथम झुमका जल महोत्सव का आयोजन किया. इस दो दिवसीय आयोजन में 20 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए. झुमका जल महोत्सव 2023 का सफल आयोजन कलेक्टर साहब के दिल के बेहद करीब है. इसके अलावा वे कोरिया मिलेट्स कैफे की मुहिम को भी आगे बढ़ा रहे हैं. इसकी खास बात यह है कि, राज्य में खरीदे जा रहे मोटे अनाज ज्वार, बाजरा, कोदो, कुटकी, रागी, सावा, कुट्टी से छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजन को बढ़ावा देने के साथ-साथ महिला समूहों को स्वरोजगार भी उपलब्ध हो रहा है. इससे महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं. उनके ही मार्गदर्शन में कोरिया मिलेट्स कैफे ने 20 महिलाओं को रोजगार दिलाया. सामुहिक प्रयास का नतीजा है कि कैफे को एक माह में ही दो लाख रुपये तक का शुद्ध लाभ हुआ है.
जम्मू के रहने वाले हैं विनय, सॉफ्टवेयर इंजीनियर रहे हैं

परिवार का साथ बेहद पसंद है कलेक्टर विनय कुमार लंगेह को
निजी जिंदगी की बात करें तो कलेक्टर विनय कुमार लंगेह जम्मू कश्मीर के निवासी हैं. बचपन से ही वे मेधावी छात्र रहे हैं. उनकी प्रारंभिक शिक्षा जम्मू में ही हुई. इसके बाद वे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए वर्ष 2006 में दिल्ली आ गए. सिविल सेवा में आने से पूर्व उन्होंने गुड़गांव में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी की. इसके बाद 2015 में यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल की. इसके बाद उन्होंने बिलासपुर में ट्रेनिंग ली. पहली नियुक्ति उन्हें सरायपाली में बतौर एसडीएम मिली. उसके बाद सरगुजा में जिला पंचायत सीईओ के पद पर काम किया. वे मानते हैं कि उनके करियर में बेहतरीन कार्यकाल सरायपाली का रहा. जहां उन्होंने न सिर्फ लोकसभा चुनाव, विधानसभा चुनाव और नगरीय निकाय चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराए बल्कि लोगों के सहयोग से इलाके में विकास के ढेरों कार्य भी किए.
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विनय कुमार लंगेह
जीवन का सबसे यादगार पल वे यूपीएससी रिजल्ट में मिली सफलता को मानते हैं...जब उनकी सफलता की खबर सुन कर उनके माता-पिता की आंखों में खुशी के आंसू आ गए थे. उनका कहना है कि पढ़ाई-लिखाई में उनके माता-पिता का विशेष सहयोग रहा है और फिर भगवान के आर्शीवाद से उन्हें उर्जा मिलती है. विनय कुमार लंगेह ने बताया कि उन्हें छुट्टियां में पंजाबी सॉन्ग सुनने में काफी अच्छा लगता है इसके अलावा अपने परिवार के साथ छुट्टियों में घूमना बहुत पसंद है. वे अक्सर भारत के अलग-अलग जगह पर घूमने की प्लानिंग किया करते हैं. वे मानते हैं कि छत्तीसगढ़ के लोग बहुत ही सहज व सरल हैं. इसके अलावा यहां के घने जंगल, पहाड़ियां और प्राकृतिक छटा उन्हें उनके घर जम्मू की याद दिलाती हैं.