कहते हैं, जब कोई भी व्यक्ति किसी काम को करने का ठान लेता है तो वह उस काम को करने के लिए कहीं न कहीं से अपना रास्ता बना ही लेता है. कुछ ऐसा ही व्यक्तित्व है छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के कलेक्टर (Gariaband Collector) आकाश छिकारा का. वैसे तो कलेक्टर के रूप में इनकी यह पहली पोस्टिंग है, लेकिन अपनी सूझ-बूझ से इन्होंने कई ऐसे काम किए हैं जिससे इनके अनुभव और काम करने की क्षमता का पता चलता है. मॉनिटरिंग और नए-नए आईडियाज़ को लागू करने के चलते काफी कम समय में आकाश छीकरा जिले के सबसे बढ़िया कलेक्टर के रूप में पहचाने जाने लगे हैं.
कलेक्टर आकाश छिकारा (IAS Akash Chhikara) नवाचार के लिए जाने जाते हैं, उनके काम करने का तरीका काफी अलग है. वे नागरिकों की सुविधा के हिसाब से खुद ही योजनाएं बनाते हैं और उसे लागू भी करते हैं. उनके इन योजनाओं की प्रशंसा प्रशासन और सरकार (Chhattisgarh Government) द्वारा भी की जा चुकी है. वे छुट्टियों के दिन भी जिले का दौरा करते हैं ताकि बाकी अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित रहें. वहीं दफ्तर की शुरुआत सुबह राष्ट्रगान (National Anthem) से करते हैं, जिसमें सभी शामिल होते हैं. इसके चलते 10 बजे तक सभी कर्मचारी ऑफिस आ जाते हैं.
व्हाट्सएप चैटबॉट 'संवाद 24*7' की हुई शुरुआत
कलेक्टर आकाश छीकरा ने हाल ही में चौबीस घंटे सक्रिय रहने वाले व्हाट्सएप चैटबॉट 'संवाद 24*7' (Samvad 24*7) का शुभारंभ किया है. इससे दूर के क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों को कार्यालय में गए बिना ही किसी भी समस्या या सुझावों का निराकरण करवाने में सुविधा होगी. साथ ही बार-बार कार्यालय भी नहीं जाना पड़ेगा. इस चैटबॉट (WhatsApp Chatbot) के माध्यम से व्हाट्सएप नंबर 9343300800 पर हाय या हेलो लिखकर मैसेज भेजने पर चैटबोट स्वतः ही उपयोगकर्ता से उनका नाम, पता और सवाल पूछने लगता है.
मैसेज के माध्यम से नाम इत्यादि की जानकारी दर्ज करने के उपरांत यह चैटबॉट किसी भी विभाग से संबंधित मांग, समस्या या सुझाव के बारे में जानकारी दर्ज करने का अवसर देता है. जानकारी दर्ज करने के पश्चात उपयोगकर्ता की समस्या या सुझाव सीधे संबंधित विभाग के पास पोर्टल के माध्यम से चला जाता है. साथ ही उपयोगकर्ता को इसकी पावती भी उसी व्हाट्सएप नंबर पर स्वतः ही प्राप्त हो जाती है. चैटबॉट के माध्यम से प्राप्त समस्या या सुझावों को संबंधित विभाग द्वारा निराकरण किया जाएगा. साथ ही इसकी जानकारी उपयोगकर्ता को तय समय में दी जाएगी.
शिक्षा स्तर को सुधारने के लिए कई प्रोग्राम्स की हुई शुरुआत
गरियाबंद में स्कूली शिक्षा (School Education) को सुदृढ़ बनाने के लिए कलेक्टर आकाश छीकरा द्वारा कई कदम उठाए गए हैं. यहां के स्कूलों में पहली से आठवीं के बच्चों की हिचक दूर करने के लिए 'बोलेगा बचपन' (Bolega Bachpan) की शुरुआत की गई है. इसमें हर दिन स्कूल में दो बच्चे प्रेयर के समय सबके सामने अपना परिचय देंगे और सुविचार या उस दिन की खबर या जनरल नॉलेज के बारे में सबको बताएंगे ताकि उनकी हिचक दूर हो सके. इसके अलावा 10वीं और 12वीं का रिजल्ट अच्छा लाने के लिए 'उत्कृष्ट गरियाबंद' (Utkrisht Gariaband) कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. इसके तहत 151 हाई (High Schools) और हायर सेकंडरी स्कूलों (Higher Secondary Schools) में टीचर्स और बच्चों की अटेंडेंस मोनिटर करते हुए हर हफ्ते,महीने और क्वाटर में टेस्ट की शुरुआत की गई है. इसके साथ ही मंथली टेस्ट में 10वीं और 12वीं के टॉप 15-15 बच्चों को पढ़ाई के लिए मोटिवेट करने के लिए छुट्टी के दिन जिले में भ्रमण कराया जाएगा.
कलेक्टर आकाश छिकारा ने बताया कि जिले में जेईई (JEE Exam) और नीट (NEET Exam) के एग्जाम के लिए 60 बच्चों का चयन किया जा रहा है. इन बच्चों को बेहतर ट्रेनिग दी जाएगी ताकि हमारे जिले के बच्चे भी ये एग्जाम क्लियर कर पाएं. इसका उद्देश्य है कि जब बच्चे ऐसे एग्जाम में पास होकर नौकरी करें तो अपने जिले को प्राथमिकता दें.
गरियाबंद में टीवी मुक्त अभियान की हुई शुरुआत
कलेक्टर आकाश छिकारा ने बताया कि स्वास्थ्य स्तर को सुधारने के लिए जिले में टीबी मुक्त अभियान (TB Free Campaign in Gariaband) की शुरुआत की गई है. इसके तहत जिले के 360 सक्रिय मरीजों को हर माह पोषण आहार दिया जा रहा है. इसके साध ही सघन टीबी जांच की शुरुआत की जा रही है. पॉजिटिव मरीजों का 6 माह तक डॉट्स का इलाज किया जाएगा. चिरायु योजना के तहत स्कूलों में पढ़ने वाले दिव्यांग बच्चों की पहचान की जा रही है. हर बुधवार को उनको दिव्यांगता के आधार पर प्रमाण पत्र देते हुए छात्रवित्ति देने की शुरुआत की जाएगी और जो भी उपकरण उनको लगेंगे, उपलब्ध कराए जाएंगे.वहीं पेंशनर के लिए हेल्थ कैंप (Health Camp in Gariaband) और मेंटल हेल्थ सेशन (Mental Health Session) की शुरुआत कर रहे हैं.
गरियाबंद में टूरिज्म की संभावनाएं ज्यादा
कलेक्टर आकाश छिकारा को गरियाबंद काफी पसंद आया है. गरियाबंद के बारे में वे कहते हैं कि यह काफी अच्छी जगह है, यहां प्राकृतिक सुंदरता अच्छी है जिसके कारण टूरिज्म (Tourism in Gariaband) की काफी संभावनाएं हैं. यहां पर टूरिज्म बढ़ाने के लिए स्थानों को चिन्हित कर उनकी फोटो और जानकारी को बेहतर तरीके से व्यवस्थित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि टूरिज्म लायक स्थानों में कॉफी टेबल बुक बनवाया जा रहा है और इसका प्रचार-प्रसार व्हाट्सएप और सोशल मिडिया के माध्यम से किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जिले के टूरिस्ट प्लेस में बेसिक सुविधा जैसे टॉयलेट और बैठने की व्यवस्था बनाना प्राथमिकता में शामिल है. इनको बेहतर बनाने के लिए शासन से फंड की मांग की गई है. जैसे ही हमें फंड मिलता है काम शुरू कर दिया जाएगा.
फैमिली के पहले गवर्मेंट एम्पलॉई हैं आकाश छिकारा
कलेक्टर आकाश छिकारा बताते हैं कि उन्हें बैडमिंटन खेलना काफी पसंद है. छुट्टियों के दिनों में वह ज्यादातर जिले के दौरे में रहते हैं और 4 से 6 माह में समय मिलने पर अपने घर चले जाते हैं. उनकी फैमिली में वह पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने सरकारी नौकरी की है. उनकी पत्नी डॉक्टर हैं, जबकि बड़े भाई प्राइवेट जॉब करते हैं.
स्कूल के समय से ही टॉपर रहे हैं कलेक्टर आकाश छीकरा
कलेक्टर आकाश छिकारा का जन्म हरियाणा में हुआ है. इनकी स्कूलिंग दिल्ली के नजफगढ़ से और कॉलेज की पढ़ाई दिल्ली के एनएसआईटी (Netaji Subhash Institute of Technology) से हुई है. छिकारा अपने स्कूल के समय से ही टॉपर रहे हैं, कॉलेज में भी उन्होंने टॉप किया था. उन्होंने गेट का एग्जाम 99.99 परसेंटाइल से क्रैक किया था. 2012 में कॉलेज की पढ़ाई पूरा करने के बाद आकाश छिकारा का प्लेसमेंट टेक्सास इंस्ट्रूमेंट (Texas Instruments India) में हुआ. जहां पर उन्होंने 1 साल तक जॉब करने के बाद जॉब चेंज की. इसके बाद उन्होंने 3 जगह और जॉब की.
समाज में बदलाव लाने के लिए की UPSC की तैयारी
कॉलेज की पढ़ाई पूरा करने के बाद छिकारा ने प्राइवेट जॉब करने का ही सोचा था. इनका मानना था कि प्राइवेट जॉब में सैलेरी जरूर ज्यादा होती है मगर अवसर सीमित होते हैं. इसी दौरान उनके क्लासमेट का सेलेक्शन यूपीएसी (Union Public Service Commission) में हो गया.
इसके बाद ही इन्होंने 2014 से यूपीएससी के एक्जाम (Civil Services Exam) की तैयारी शुरू की और तीसरे अटेंम्पट के बाद 2017 में सलेक्शन हो गया.
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मनेंद्रगढ़, सूरजपुर, महासमुंद, दंतेवाड़ा और रायपुर में भी कर चुके हैं काम
2017 बैच (2017 Batch IAS Officer) के छत्तीसगढ़ कैडर के IAS अधिकारी के तौर पर आकाश छिकारा की पहली पोस्टिंग सरगुजा में हुई. यहां उन्होंने मई 2018 से लेकर अप्रैल 2019 तक बतौर प्रशिक्षु अधिकारी के रूप में काम किया. इसके बाद उनकी पोस्टिंग मनेंद्रगढ़ में एसडीएम के रूप में हुई. कुछ दिन मनेंद्रगढ़ में काम करने के बाद आकाश छिकारा की पोस्टिंग सूरजपुर, महासमुंद, दंतेवाड़ा और फिर रायपुर में बतौर जिला पंचायत सीईओ हुई.
मनेंद्रगढ़ में किया था भुइयां ऐप को शुरू
महेंद्रगढ़ में बतौर एसडीएम काम करते हुए आकाश छिकारा ने पटवारी प्रतिवेदन का काम पेंडिग रह जाने की समस्या का समाधान किया. यहां उन्होंने 'भुइयां ऐप' (Bhuiyan App) के माध्यम से पटवारी प्रतिवेदन जल्द से जल्द पूरा करने का काम किया. इसके लिए ऐप में टाइम लिमिट भी ऐड करवाया गया था, जिससे प्रतिवेदनकर्ता को उसी टाइम लिमिट पर प्रतिवेदन प्राप्त हो सके. इसके अलावा आकाश छीकरा ने डायवर्जन के वार्षिक भू-भाटक में रिकॉर्ड वसूली करने का काम भी किया था. उस समय 20 से 22 लाख की वसूली की गई थी.
सूरजपुर में गढ़ कलेवा तो महासमुंद में इको-टूरिज्म की हुई शुरुआत
सूरजपुर में बेहतरीन काम करते हुए आकाश छिकारा ने गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Yojana) के तहत गोबर खरीदी की अच्छी खरीदी की थी. इसके साथ ही यहां सीड्स बैंक (Seed Bank) की भी इन्होंने शुरुआत करवाई थी. आकाश छिकारा ने प्रतापपुर में खोले गए स्वामी आत्मानंद स्कूल को बेहतर मॉडल बनाने का काम किया और जिला पंचायत में 'गढ़ कलेवा' (Garh Kaleva) की शुरुआत की. महासमुंद के सिरपुर में छीकरा ने आजीविका के संसाधन बढ़ाने के लिए टूरिज्म का प्रचार-प्रसार किया और कोडार में वन विभाग के सहयोग से 'इको-टूरिज्म' (Eco-Tourism) की शुरुआत की.
मनरेगा में दंतेवाड़ा को टॉप पर पहुंचाया
दंतेवाड़ा में पोस्टिंग के दौरान आकाश छिकारा ने बिहान स्व सहायता समूह (Women of Bihan Self Help Group) की महिलाओं के लिए बीजापुर नेशनल हाइवे के किनारे गौठन ढाबा की शुरुआत की. इसके अलावा गांव के लोगों की आय बढ़ाने के लिए मनरेगा के तहत उन्होंने अच्छा काम किया और मनरेगा के तहत काम देने के मामले में दंतेवाड़ा जिला वर्ष 2021-22 में टॉप पर रहा. इसके अलावा स्थानीय लोगों की आय बढ़ाने के लिए कई नावाचार किए गए. दंतेवाड़ा में बहुतायत में पाए जाने वाले महुआ को प्रोसेस करवा कर पहली बार बिस्किट, लड्डू और हलवा बनवाए गए थे. इसके साथ ही इमली का सॉस और कई तरह के वनोपज को नए तरीके से मार्केट में प्रेजेंट कर आय के स्रोत बढ़ाए गए. आकाश छिकारा के पोस्टिंग के दौरान यहां पर 'ग्राम सुपोषण केंद्र' (Village Nutrition Center) की स्थापना भी की गई थी.
रायपुर में रीपा के मॉडल लकौली और कुसरंगी को किया लांच
रायपुर में भी आकाश छिकारा ने बेहतरीन काम किया. रीपा (RIPA Scheme) के मॉडल लकौली (Lakauli) और कुसरंगी (Kusrangi) की सरकार द्वारा काफी सराहना हुई थी. आकाश छीकरा ने कलेक्ट्रेट कैम्पस में 'जय बिहान' (Jai Bihan) और रायपुर कोर्ट कैम्पस में दिव्यांगो के द्वारा चलित एक टीम वैन शुरू करवाई थी. इसके साथ ही बच्चों के दिव्यांगता प्रमाण पत्र बना कर देने की शुरुआत भी की गई थी.
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