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This Article is From Sep 23, 2023

"अपराधियों में पुलिस का इतना खौफ होना चाहिए कि अपराध करने से पहले 10 बार सोचें"- धार SP

मूलतः बिहार के छपरा जिले के रहने वाले मनोज कुमार सिंह का मानना है कि गुंडे बदमाशों का स्थान समाज में नहीं बल्कि जेल में होना चाहिए. जनता में पुलिस की छवि साफ सुथरी होनी चाहिए ताकि वह अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकें.

"अपराधियों में पुलिस का इतना खौफ होना चाहिए कि अपराध करने से पहले 10 बार सोचें"- धार SP
मनोज कुमार सिंह के अब तक के सेवाकाल में सबसे बड़ी उपलब्धि अलीराजपुर में एक महिला के साथ हुए अपराध में बदमाश के खिलाफ अपराध दर्ज कर उसके ऊपर रासुका की कार्रवाई की थी.
धार:

Your Officers : ऐसा माना जाता है कि अपराधियों के खिलाफ जितनी सख्त कार्रवाई होगी, अपराध उतना ही कम होगा. यह बात सच भी है, जो कि धार के पुलिस अधीक्षक को अपने करियर से मिले अनुभवों से साबित भी होती है. हम बात कर रहे हैं एक तेज तर्रार पुलिस अधिकारी के रूप में जाने वाले धार जिले में पदस्थ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह की. SP मनोज कुमार सिंह व्यवहार कुशल होने के साथ-साथ एक सख्त प्रशासनिक अधिकारी हैं. जिनका मानना है कि गुंडे बदमाशों का स्थान समाज में नहीं जेल में होना चाहिए. ताकि जनता में पुलिस के प्रति छवि साफ-सुथरी हो और लोग अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकें. इसी के साथ ही अपराधियों में पुलिस का इतना खौफ होना चाहिए कि वह कोई अपराध करने से पहले 10 बार सोचें. एसपी मनोज कुमार सिंह ने अपने सेवाकाल के दौरान गुंडों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने में कभी कोई कसर नहीं छोड़ी. उनका मानना है कि गुंडों में पुलिस का खौफ होना चाहिए ताकि आम जनता अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकें.

मूलतः बिहार के छपरा जिले के रहने वाले मनोज कुमार सिंह का मानना है कि गुंडे बदमाशों का स्थान समाज में नहीं बल्कि जेल में होना चाहिए. जनता में पुलिस की छवि साफ सुथरी होनी चाहिए ताकि वह अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकें. मनोज कुमार सिंह पटना विश्वविद्यालय से पढ़े हैं. इस विश्वविद्यालय को पूर्व का कैम्ब्रिज कहा जाता है. पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने प्रशासनिक सेवा की तैयारी की और चयन होने के बाद मध्य प्रदेश में अपनी सेवाएं देने लगे.

मनोज कुमार सिंह का मानना है कि गुंडों में पुलिस का खौफ होना चाहिए ताकि आम जनता अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकें.

मनोज कुमार सिंह का मानना है कि गुंडों में पुलिस का खौफ होना चाहिए ताकि आम जनता अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकें.

विनम्रता के साथ की जाने वाली सख्ती प्रभावी होती है

SP मनोज कुमार सिंह ने बताया कि उन्हें गुंडागर्दी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं है, मैंने गुंडागिरी खत्म करने के लिए अपने सेवाकाल में अनेकों बार गोलियां भी चलाई है. सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का कोई प्रयास करता है तो वह क्षमा योग्य नहीं है. ऐसी मानसिकता वाले लोग, गुंडे अपराधियों का समाज में कोई स्थान नहीं है. ऐसे लोगों का स्थान तो सिर्फ जेल ही है. धार जिले में सभी थानों को सख़्त निर्देश दिए गए हैं कि गुंडे असामाजिक तत्व के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. जिससे आम जनता शांति और निर्भीकता से जीवन यापन कर सके. उन्होंने कहा कि पुलिस की शक्ति आम जनता में दिखाई दी जानी चाहिए, लेकिन सख्ती दो तरह की होनी चाहिए एक उद्दंडता के साथ और एक विनम्रता के साथ. विनम्रता के साथ की जाने वाली सख्ती लंबे समय तक चलती है और वह प्रभावी भी होती है.

मध्य प्रदेश में पहली बार की थी रासुका की कार्रवाई

मनोज कुमार सिंह के अब तक के सेवाकाल में सबसे बड़ी उपलब्धि अलीराजपुर में एक महिला के साथ हुए अपराध में बदमाश के खिलाफ अपराध दर्ज कर उसके ऊपर रासुका की कार्रवाई की थी. यह प्रदेश का पहला मामला था जिसमें रासुका की कार्रवाई की गई थी. मनोज कुमार सिंह बताते हैं कि उनके इस निर्णय को माननीय उच्च न्यायालय ने भी सही ठहराया था. महिला अपराधों की रोकथाम में यह निर्णय मील का पत्थर साबित हुआ. उन्होंने अलीराजपुर में गुंडे बदमाशों को नेस्तनाबूद करने के लिए काफी सख्त कदम उठाए जिससे वहां अपराधों में काफी अंकुश लगा.

मनोज कुमार सिंह ने अलीराजपुर में गुंडे बदमाशों को नेस्तनाबूद करने के लिए काफी सख्त कदम उठाए जिससे वहां अपराधों में काफी अंकुश लगा.

मनोज कुमार सिंह ने अलीराजपुर में गुंडे बदमाशों को नेस्तनाबूद करने के लिए काफी सख्त कदम उठाए जिससे वहां अपराधों में काफी अंकुश लगा.

धार में सड़क दुर्घटनाओं में आई है कमी

गत वर्ष सड़क दुर्घटनाओं के मामले में धार जिला तीसरे स्थान पर था. जिसे देखते हुए जिले में दुर्घटनाओं को कंट्रोल करने के लिए पुलिस द्वारा कई अवेयरनेस के कार्य किए जा रहे हैं. जिसके तहत इंदौर-अहमदाबाद हाईवे पर घाटाबिल्लोद से लेकर दत्तीगांव तक हर 2 किलोमीटर पर घटनाओं को रोकने के लिए संकेतक बोर्ड लगाए जा रहे हैं, ताकि वाहन चालक समय रहते सचेत रहें और दुर्घटना को टाल सकें. इसके साथ ही जिले में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए संबंधित सभी विभागों के साथ जब तक तालमेल नहीं बिठाया जाएगा, तब तक इस पर कंट्रोल कर पाना बड़ा मुश्किल है. इसलिए संबंधित विभागों के साथ बैठक कर इस पर कोई ठोस निर्णय निकट भविष्य में लिया जाएगा. 

उन्होंने बताया कि धार जिले में गणेश घाट लंबे अरसे से ब्लैक स्पॉट बना हुआ है, जहां दुर्घटनाओं में सर्वाधिक मौतें हो रही हैं. इस पर विशेष रुप से ध्यान दिया जा रहा है गणेश घाट पर बड़ा ढलान होने से यहां भारी वाहनों के ब्रेक फेल हो जाने से सर्वाधिक दुर्घटना है हो रही हैं. इसके साथ ही यहां बनाए गए स्पीड ब्रेकर भी गलत तरीके से बनाए गए हैं, जिन्हें सही किए जाने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा यहां अलग रिकंस्ट्रक्शन प्लान स्वीकृति हेतु सरकार को भेजा हुआ है. भारत सरकार द्वारा भी घाट को ठीक करने के लिए प्रदेश के 3 जिलों में शामिल किया है. जिस पर आगामी दिनों में कार्य शुरू हो जाएगा. सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए हमने ट्रैफिक पुलिस बल भी बढ़ाया है. सड़क दुर्घटनाओं को लेकर हमारे द्वारा किए जा रहे कार्य की वजह से जिले में गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष दुर्घटनाओं के ग्राफ में कमी आई है.

धार में खाटला बैठक की हुई शुरुआत

अलीराजपुर में अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए आदिवासी क्षेत्रों में जो कदम उठाए गए थे और उससे जो सफलताएं मिली थी उसी को केंद्रित करते हुए धार जिले में भी मैंने आदिवासी क्षेत्रों में जाकर खाटला बैठक की शुरुआत कर है. जहां लोगों के बीच बैठकर शिक्षा का प्रचार प्रसार, शराब का सेवन कम करना, महिलाओं का सम्मान करना, यह तीन-चार विषय ऐसे हैं जिन्हें इनके बीच रखकर समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं. जिससे अपराधों पर भी काफी हद तक अंकुश लगेगा.

मनोज कुमार सिंह के परिवार में पत्नी के आलावा एक बेटा और एक बेटी है.

मनोज कुमार सिंह के परिवार में पत्नी के आलावा एक बेटा और एक बेटी है.

परिवार और सामाजिक दायित्व से बढ़कर जनता की सेवा है

SP मनोज कुमार कहते हैं कि पुलिस की नौकरी में अवकाश मिलना बहुत बड़ी बात है. पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के भी अपने परिवार हैं, और उनके कुछ सामाजिक दायित्व भी हैं. जिन्हें पूरा करना भी जरूरी रहता है, लेकिन परिवार और सामाजिक दायित्व से बढ़कर जनता की सेवा है. जिसे पूरा करने पर जो खुशी पुलिस को मिलती है, उसका कोई जवाब नहीं है. पहले पुलिस में अवकाश मिलना बहुत मुश्किल हो जाता था, लेकिन वर्तमान में वरिष्ठ अधिकारियों का अवकाश को लेकर पूरा सहयोग रहता है. यह मानव स्वभाव भी है कि हर व्यक्ति अपने घर-बार, परिवार बच्चों के साथ कुछ समय व्यतीत करे. इसके साथ ही कुछ सामाजिक दायित्व भी होते हैं, जिन्हें पूरा करने के लिए छुट्टियां भी लेनी पड़ती हैं.

मनोज कुमार सिंह के माता पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन आज भी वो अपने माता-पिता को प्रणाम किए बगैर घर से नहीं निकलते हैं. उनका मानना है कि वे जो कुछ भी हैं उनकी बदौलत ही हैं. उनके परिवार में पत्नी के आलावा एक बेटा और एक बेटी है. बेटा वर्तमान में दिल्ली में पढ़ाई कर रहा है जबकि बेटी डॉक्टर है. 

छुट्टी से ज्यादा एंजॉय काम से मिलता है   

मनोज कुमार कहते हैं कि जब भी छुट्टी मिलती है, खासकर जब हमारी छुट्टी सैंक्शन हो जाती है. उस दिन निश्चित तौर पर बड़ी खुशी महसूस होती है, लेकिन उससे महत्वपूर्ण बात यह है कि छुट्टी के आवेदन से लेकर सैंक्शन तक जो विकट स्थिति पैदा होती है वह काफी चिंताजनक होती है. क्योंकि हम लोगों के जॉब में छुट्टियां हमेशा ऐन वक्त पर ही मिलती है. इसीलिए हम लोग अपने जॉब में छुट्टी से ज्यादा एंजॉय काम से प्राप्त करते हैं. हमारी नौकरी से हमारा परिवार और हमारे बच्चे इतने ढल जाते हैं कि उन्हें भी पता है कि हमारी जॉब जिस प्रकार की है उसमें परिवार के साथ हमेशा रहना या कुछ समय छुट्टी लेकर व्यतीत करना संभव नहीं होता है. इसलिए पूरा परिवार इन परिस्थितियों से जुड़ने के लिए मानसिक रूप से संतुष्टि रहता है, जो हमारे लिए प्रेरणादाई भी है.

मनोज कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस में 24 घंटे 365 दिन निरंतर दिन-रात काम करने की क्षमता है.

मनोज कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस में 24 घंटे 365 दिन निरंतर दिन-रात काम करने की क्षमता है.

पुलिस में 24 घंटे 365 दिन निरंतर दिन-रात काम करने की क्षमता

सरकारी विभागों में वर्क कल्चर पर बात करते हुए मनोज कुमार कहते हैं कि विभागों में वर्क कल्चर अच्छा ही रहता है, लेकिन इस विषय से हटकर यह बात भी है कि पुलिस विभाग का कल्चर अन्य विभागों से काफी अलग है.  क्योंकि पुलिस में 24 घंटे 365 दिन निरंतर दिन-रात काम करने की क्षमता है. पुलिस की यह सेवा इस बात की खुशी भी देती है कि हम जनता की सेवा निरंतर करने के साथ ना केवल उनकी सुरक्षा करते हैं बल्कि उन्हें एक स्वच्छ वातावरण भी देते हैं. ताकि वह समाज में निर्भीक होकर अपना जीवन यापन करें.

कोविड के समय में उज्जैन में दी गई सेवा कार्यकाल की सबसे बड़ी चुनौती

मनोज कुमार सिंह चुनौतियों पर बात करते हुए कहते हैं कि उज्जैन संभाग के आगर मालवा में एसपी के पद पर रहते हुए जब उन्हें कोविड वैश्विक महामारी के दौरान उज्जैन राज्य शासन के निर्देश पर उज्जैन की जवाबदारी दी गई, तब उन्हें खुशी का ठिकाना नहीं रहा. क्योंकि कोविड में मानव जाति पर संकट के बादल मंडरा रहे थे. उज्जैन में कोविड डेथ रेट भी काफी बढ़ रहा था. ऐसे में उज्जैन की जिम्मेदारी मुझे दी गई तब मेरा खुशी का ठिकाना नहीं रहा. मैं अपने आप को सौभाग्यशाली मान रहा था कि मुझे इस वैश्विक महामारी में जनता की सेवा करने का मौका मिला और इस चैलेंज को मैंने ईश्वर की देन समझकर स्वीकार करते हुए उज्जैन एसपी का पद ग्रहण किया. जहां मेरे अधीनस्थ अधिकारियों कर्मचारियों का आत्म बल बढ़ाया इसके साथ ही अन्य विभागों के साथ कोआर्डिनेशन कर कोविड-19 से होने वाली डेथ पर काबू पाया. उज्जैन में दी गई यह सेवा मेरे कार्यकाल की सबसे बड़ी चुनौती थी. जिस पर सुरक्षित रहते हुए सफलता प्राप्त की. 

ट्राइबल क्षेत्र में काम करने के लिए वहां की गतिविधियों को समझना जरूरी

मनोज कुमार ने बताया कि उन्हें आदिवासी बाहुल्य अलीराजपुर जिले में काम करने का मौका मिला. जहां 97.6% ट्राइबल निवासरत है. यहां अपराधों को कम करने के लिए सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक गतिविधियों को समझना पड़ा, क्योंकि जब तक हम उनको समझेंगे नहीं तब तक वहां के अपराधों पर अंकुश लगाना मुश्किल होता है. इसलिए अलीराजपुर में ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर समाज के बीच बैठकर उनके पारंपरिक त्यौहार उनकी सामाजिक गतिविधियां को समझते हुए उनके साथ मिल बैठकर कई कुरीतियों और अपराधों पर अंकुश लगाया.

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