Paris 2024: ओलंपिक खेलों (Olympic Games Paris 2024) के उद्घाटन से कुछ महीने पहले, हेलेनिक ओलंपिक समिति (Hellenic Olympic Committee) ग्रीस के ओलंपिया में ओलंपिक खेलों के प्राचीन स्थल पर एक समारोह (Olympic Flame Lighting Ceremony) आयोजित करती है जिसमें ओलंपिक लौ जलाई जाती है. मंगलवार 16 अप्रैल को एक समारोह के दौरान एक अनुष्ठान के दौरान ओलंपिक लौ (Olympic flame) जलाई गई, जो पेरिस 2024 ओलंपिक खेलों के दौरान जलती रहेगी. प्राचीन ग्रीस (Ancient Greece) की परंपराओं की याद दिलाती है. ओलंपिक लौ जलाना एक ऐतिहासिक और प्रतीकात्मक क्षण है, जोकि 1936 से ओलंपिक खेलों की परंपरा का हिस्सा रहा है. ये ओलंपिक लौ न केवल उन सकारात्मक मूल्यों का प्रतिनिधित्व करती है जिन्हें मनुष्य हमेशा शांति और दोस्ती जैसे आग के प्रतीकवाद से जोड़ती है, बल्कि प्राचीन और आधुनिक खेलों के बीच एक कड़ी के रूप में भी काम करती है. ओलंपिक लौ का विचार प्राचीन ओलंपिक खेलों के समारोहों से आया है, जो ओलंपिया, ग्रीस में उसी स्थान पर हुआ था जहां पेरिस 2024 के लिए ओलंपिक लौ जलाने का समारोह हुआ.
🔥 The Olympic flame for #Paris2024 is lit!#Paris2024 | @Paris2024 pic.twitter.com/1odw4ga9G0
— The Olympic Games (@Olympics) April 16, 2024
इसका महत्व क्या है?
प्राचीन यूनानियों के लिए आग एक पवित्र तत्व थी, उनके मुख्य मंदिरों के सामने हमेशा आग जलती रहती थी. प्राचीन ओलंपिक खेलों के दौरान, देवी हेस्टिया (Goddess Hestia) की वेदी पर एक लौ स्थायी रूप से जलती रहती थी; ज़ीउस और हेरा (Zeus and Hera) के मंदिरों में अतिरिक्त आग जलाई गई.
🗣️ “Apollo, God of sun, and the idea of light, send your rays and light the sacred torch for the hospitable city of Paris. And you, Zeus, give peace to all peoples on earth and wreath the winners of the Sacred Race.”#Paris2024 | @Paris2024 pic.twitter.com/FHMEmJ134U
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आज हेरा के मंदिर के खंडहरों के सामने उच्च पुजारिन की भूमिका निभाने वाली एक अभिनेत्री द्वारा ओलंपिक लौ जलाई गई है, जो सूर्य की किरणों को केंद्रित करने और अपनी मशाल को प्रज्वलित करने के लिए एक परवलयिक डिश का उपयोग करती है. इस डिश को प्राचीन यूनानी स्केफिया कहते थे.
ओलंपिक लौ जलने के बाद उसका क्या होता है?
ओलंपिक लौ को एक कलश में रखा जाता है और हेस्टियाडा (अग्नि की पुजारिन या संरक्षक) द्वारा प्राचीन स्टेडियम में लाया जाता है, जहां इसे उच्च पुजारिन द्वारा जैतून की टहनी जिसे शांति का एक सार्वभौमिक प्रतीक माना जाता उसके के साथ एक मशालवाहक को सौंप दिया जाता है.
🔥 Stefanos Ntouskos, an Olympic champion in rowing, is the first torchbearer of the #Paris2024 #OlympicTorchRelay. 🙌👏#Paris2024 | @Paris2024 pic.twitter.com/YTHkG9rIVA
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From one Olympic champion to another! Stefanos Ntouskos 🇬🇷 hands the flame to Laure Manaudou 🇫🇷, an Olympic champion swimmer.
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Traditionally, a Greek athlete is the first torchbearer, followed by a representative from the host nation.#Paris2024 | @Paris2024 pic.twitter.com/RnpQoGt8cC
इस प्रक्रिया के बाद मशाल वाहक ओलंपिक लौ को दूसरे मशाल वाहक को सौंपता है, जो ओलंपिक खेलों के मेजबान देश का प्रतिनिधित्व करता है. इस बार पेरिस में ओलंपिक होना है इसलिए फ्रांस के खिलाड़ी को मशाल सौंपी गई है. ओलंपिक लौ को 11-दिवसीय रिले के दौरान पूरे ग्रीस में ले जाया जाएगा, जिसमें 550 से अधिक मशालवाहक लौ को लेकर चलेंगे.
A beautiful artistic moment in the Ancient Stadium.
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😍 Enjoy this traditional dance from the priestesses.#Paris2024 | @Paris2024 pic.twitter.com/1qLkg4cH5r
ओलिंपिक लौ सौंपने का समारोह कब होगा? Olympic Flame Handover Ceremony
शुक्रवार 26 अप्रैल को पैनाथेनिक स्टेडियम में पेरिस 2024 आयोजन समिति को सौंपने के समारोह से पहले ओलिंपिक लौ एथेंस पहुंचेगी. यहां समारोह होगा उसके बाद, ओलंपिक मशाल एथेंस में फ्रांसीसी दूतावास में रात बिताएगी और अगले दिन फ्रांस के मार्सिले के लिए प्रस्थान करेगी, जहां वह 8 मई को पहुंचेगी तब भव्य और धूमधाम से समारोह होगा.
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