Record Jump In EPFO Membership: भारत में नौकरियों में उछाल का संकेत मिल रहा है. श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने इस साल अप्रैल में 18.92 लाख नए सदस्य जोड़े हैं. बता दें, ईपीएफओ मेंबरशिप में वृद्धि को देश में नौकरीपेशा लोगों की औसत में बढ़ोत्तरी का पैमाना माना जाता है.
अप्रैल के दौरान लगभग 8.87 लाख नए सदस्यों ने संगठन में कराया नामांकन
श्रम और रोजगार मंत्रालय ने कहा है कि सदस्यता में यह उछाल रोजगार के बढ़ते अवसरों, कर्मचारी लाभों के बारे में बढ़ती जागरूकता और ईपीएफओ के आउटरीच कार्यक्रमों की प्रभावशीलता के कारण है. डेटा से पता चलता है कि अप्रैल के दौरान लगभग 8.87 लाख नए सदस्यों ने संगठन में नामांकन कराया है.
लगभग 14.53 लाख सदस्य ईपीएफओ से बाहर निकले, लेकिन फिर जुड़ गए
डेटा का एक उल्लेखनीय पहलू है कि इसमें 18-25 आयु वर्ग का प्रभुत्व है. ये कुल सदस्यों का 55.5 प्रतिशत है. यह संगठित कार्यबल में शामिल होने के लिए युवाओं के रुझान को दर्शाता है. पेरोल डेटा के अनुसार, लगभग 14.53 लाख सदस्य ईपीएफओ से बाहर निकल गए और बाद में फिर इसमें शामिल हो गए.
कुल 8.87 लाख नए सदस्यों में से लगभग 2.49 लाख नई महिला सदस्य
यह आंकड़ा इस साल मार्च की तुलना में 23.15 प्रतिशत अधिक है. इन सदस्यों ने अपनी नौकरी बदली और ईपीएफओ के दायरे में आने वाले प्रतिष्ठानों में फिर से शामिल हो गए और अंतिम निपटान के लिए आवेदन करने के बजाय अपने संचय को स्थानांतरित करने का विकल्प चुना. पेरोल डेटा के लिंग-वार विश्लेषण से पता चलता है कि 8.87 लाख नए सदस्यों में से लगभग 2.49 लाख नई महिला सदस्य हैं.
अप्रैल में लगभग 3.91 लाख महिलाएं EPFO जुड़ीं, जो मार्च से 35 से अधिक है
ईपीएफओ से अप्रैल में लगभग 3.91 लाख महिलाएं ईपीएफओ से जुड़ीं, जो मार्च की तुलना में लगभग 35.06 प्रतिशत अधिक है. पेरोल डेटा का राज्य-वार विश्लेषण दर्शाता है कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात और हरियाणा में नए सदस्य अधिक जुड़े.
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