
श्योपुर : सावन के अंतिम सोमवार पर देशभर के शिवभक्त भगवान महादेव की भक्ति में डूबे नजर आए. श्योपुर जिले में शिवभक्तों ने महाकाल के गणों के रूप में यात्रा निकाली. दरअसल श्योपुर में पिछले डेढ़ महीने से बारिश नहीं हुई है. इसलिए लोगों ने रूठे इंद्रदेव को मनाने के लिए शिव की साधना करते हुए सावन के अंतिम सोमवार पर यात्रा निकाली. इस दौरान पूरा शहर भोले की भक्ति में डूबा नजर आया. शहर की सड़कों पर 'बम-बम भोले' के जयकारों के बीच सोमवार के दिन श्योपुर शहर के सभी समाज के लोग रूठे इंद्र देव को मानने के लिए भोले बाबा की शरण में पहुंचे और भगवान शिव से शहर में जल्द से जल्द बारिश करने की कामना की.
श्योपुर में बारिश की कामना के लिए सावन के अंतिम सोमवार के दिन एक विशेष पूजा अर्चना रखी गई, जिसमें उज्जैन की तर्ज पर भूत-भावन बाबा महाकाल के गण भी नजर आए. भगवान शिव की विशेष पूजा में भोले बाबा का सहस्त जलधाराओं से जलाभिषेक करने के लिए एक विशेष कांवड़ यात्रा निकाली गई. इस कांवड़ यात्रा में 2500 से ज्यादा लोग कांवड़िए बनकर शामिल हुए. शहर के प्राचीन भूतेश्वर महादेव मंदिर के किनारे सीप नदी का जल भरकर कांवड़ यात्रा में शामिल भोले के भक्तों ने 10 से 11 किलोमीटर पैदल चलते हुए किले की तलहटी में विराजमान सोमेश्वर महादेव का जलाभिषेक किया और बारिश करने की प्रार्थना की.
बारिश के लिए अर्थी पर लेटा जिंदा इंसान
मध्य प्रदेश के अन्य जिले भी बारिश की किल्लत से जूझ रहे हैं. मंदसौर में लोगों ने बारिश कराने के लिए एक अजीबोगरीब टोटका किया. लोगों ने इंद्र देवता को मनाने के लिए एक जीवित व्यक्ति की शवयात्रा निकाली. इसके लिए चैतन्य सनातनी नामक एक व्यक्ति खुद अर्थी पर लेटने के लिए तैयार हो गए. स्थानीय तौर पर यह माना जाता है कि जीवित व्यक्ति की शवयात्रा निकालने से बारिश होती है. यह यात्रा शहर के प्रमुख मार्गों से होकर निकली और इस दौरान लोगों को पेड़ न काटने और पर्यावरण को बचाने के लिए जागरुक किया गया. मंदसौर में बारिश न होने का असर फसलों पर भी पड़ रहा है.