
मंदसौर : मध्य प्रदेश के मंदसौर में इंद्र देवता को खुश करने के लिए एक जीवित व्यक्ति की शव यात्रा निकाली गई ताकि इलाके में बारिश हो. यह शव यात्रा शहर के मुख्य मार्गों से होकर निकली. इस दौरान लोगों को पर्यावरण को सहेजने और प्रकृति के साथ खिलवाड़ न करने का संदेश भी दिया गया. यह शव यात्रा मंदसौर के विश्व पति शिवालय, गांधी चौराहा से शुरू हुई और शहर के मुख्य मार्गों से होकर गुजरी. इस दौरान सभी मंदिरों पर बारिश के लिए प्रार्थना की गई. साथ ही लोगों को यह संदेश भी दिया गया कि पेड़ों की कटाई और प्रकृति के साथ खिलवाड़ न करें क्योंकि बारिश ना होना ही इसका नतीजा है. इंद्रदेव से प्रार्थना की गई कि लोगों की भूलों को नजरअंदाज कर मेहरबानी करें और इलाके के लोगों के लिए अच्छी बारिश करें ताकि सूखे का संकट ना हो और मनुष्य और पशु-पक्षियों के लिए पानी की कमी ना रहे.
दरअसल मध्य प्रदेश के मंदसौर में बारिश की कमी के चलते फसलें सूखने की कगार पर हैं. जल स्रोत भी अभी तक भरे नहीं हैं. ऐसे में अगर बारिश नहीं होती है तो फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगी, पेयजल का संकट भी खड़ा हो जाएगा और इलाके में सूखे की भीषण स्थिति आ जाएगी. इसीलिए भगवान को मनाने के लिए तरह-तरह के टोटके किए जा रहे हैं. इंद्र देवता को खुश करने के लिए शमशान में हल चलाए गए, गधों को गुलाब जामुन खिलाए गए और अब जीवित व्यक्ति की शव यात्रा निकाली गई. माना जाता है कि जीवित व्यक्ति की शव यात्रा निकालने से इंद्रदेव खुश होते हैं और इलाके में बारिश होती है.

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मुस्लिम से हिंदू बने चौतन्य सनातनी
शव यात्रा के लिए जब व्यक्ति की खोज शुरू हुई तो सबसे आगे नाम चैतन्य सनातनी का आया. चैतन्य एक साल पहले मुस्लिम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपना चुके हैं. उन्होंने शव यात्रा के लिए सहर्ष तैयार होकर इलाके में बारिश के लिए प्रार्थना की. शव यात्रा में शामिल आयोजक रविंद्र पांडे ने बताया कि इलाके में बारिश की काफी कमी है. यह प्रकृति के साथ छेड़छाड़ का नतीजा है. इसलिए लोगों को प्रकृति को सहेजने का संदेश देते हुए इस शव यात्रा का आयोजन किया गया है और भगवान इंद्र से प्रार्थना की जा रही है कि बारिश हो.
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इंद्र देवता को खुश करने के लिए निकाली शव यात्रा
आयोजन समिति के विनय दुबेला ने कहा कि माना जाता है कि इस तरह का टोटका करने से इंद्रदेव खुश होते हैं और इलाके में बारिश होती है इसलिए इस शव यात्रा का आयोजन किया गया है. शव यात्रा में शामिल सुनील बंसल ने बताया कि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है. प्रकृति के साथ लगातार छेड़छाड़ की जा रही है. इसी का नतीजा है कि इलाके में बारिश नहीं हो रही है. इसलिए लोगों को संदेश दिया जा रहा है कि प्रकृति के साथ छेड़छाड़ ना करें. हिम्मत डांगी ने बताया कि पुरानी मान्यता है कि अगर किसी जीवित व्यक्ति की शव यात्रा निकाली जाती है तो इंद्र देवता प्रसन्न होते हैं इसीलिए इसी मान्यता के तहत टोटका करते हुए यह यात्रा निकाली गई है.