
MP News in Hindi : ग्वालियर का महाराज बाड़ा शहर का सबसे व्यस्त और महंगा इलाका है. यहां हरियाली देखने को नहीं मिलती, लेकिन गरिमा वैश्य नाम की महिला ने इस जगह को हरे-भरे बगीचे में बदल दिया है. जी हां, गरिमा नेअपने चार मंजिला घर की छत और हर कोने में चार हजार से ज्यादा पौधे लगाए हैं. गरिमा की इस कोशिश से उनके घर के साथ-साथ आस-पास की हवा शुद्ध हो गई... नतीजा एयर क्वालिटी पहले से काफी बेहतर हो गई. गरिमा के इस ऑक्सीजन हब की चर्चा इतनी बढ़ गई कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद इसे देखने पहुंचे. उन्होंने कहा, यह तो सच में स्वर्ग जैसा है! " न सिर्फ मंत्री, साथ ही कई बड़े अधिकारी और पर्यावरण प्रेमी भी इस बगीचे को देखने आ चुके हैं.
पेड़ों से ऐसा जुड़ाव कि शादी भी नहीं की
आपको बता दें कि गरिमा वैश्य पेशे से होम्योपैथ डॉक्टर हैं, लेकिन उनकी असली पहचान एक पर्यावरण प्रेमी के रूप में बनी है. उनके माता-पिता को भी पौधे लगाने का शौक था. पिता के निधन के बाद उन्होंने इस शौक को अपना लक्ष्य बना लिया और पेड़-पौधों को ही अपना परिवार बना लिया. उन्होंने शादी भी नहीं की और अपनी जिंदगी पूरी तरह प्रकृति को समर्पित कर दी.
सुबह-शाम 5 घंटे सिर्फ पौधों के लिए
गरिमा ने बताया कि वे अपने पौधों को अपने बच्चों की तरह संभालती हैं. वे रोज़ सुबह 2-3 घंटे और रात में 2-3 घंटे सिर्फ पौधों की देखभाल में बिताती हैं. उनका कहना है कि जैसे माता-पिता अपने बच्चों का ध्यान रखते हैं, वैसे ही वे इन पौधों का पालन-पोषण करती हैं.
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गर्म जलवायु में भी हजारों पौधे उगा दिए
ग्वालियर में गर्मी ज्यादा पड़ती है और कई पौधे यहां टिक नहीं पाते लेकिन गरिमा ने 1000 से ज्यादा प्रजातियों के पौधे उगाने में सफलता पाई है. उनके बगीचे में फल, फूल, सब्जियां और औषधीय पौधे शामिल हैं.
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कैसे मिली पेड़ लगाने की प्रेरणा ?
गरिमा बताती हैं कि पौधे लगाने की शुरुआत उनके पिता ने की थी. जब 2008 में उनके पिता का निधन हो गया, तो उन्होंने इस काम को पूरी तरह से अपना लिया. आज उनका घर पूरे शहर के लिए एक मिसाल बन गया है. गरिमा ने अपने चार मंजिला घर को 16 हिस्सों में बांटा है और हर जगह पौधे लगाए हैं. उनके घर में 1,500 से ज्यादा गमले और कई तरह के दुर्लभ पौधे भी हैं.