Hindu nation: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती ने शनिवार को भारत को एक हिंदू राष्ट्र बताते हुए कहा कि, लेकिन यह किसी एक धर्म को नहीं मानता या उसके आधार पर काम नहीं करता, क्योंकि भारत ''अनेकता में एकता'' के सिद्धांत पर विश्वास करता है.
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उमा भारती ने समझाई धर्मनिरपेक्षता की परिभाषा
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के केशव बलिराम हेडगेवार को उदधृत करते हुए उमा भारती ने कहा कि , भारत एक हिंदू राष्ट्र है...यह एक 'हिंदू स्टेट 'नहीं है, जिसका मतलब है कि यह राष्ट्र किसी एक धर्म को नहीं मानता या उसके आधार पर काम नहीं करता. भारत हिंदू स्टेट कभी नहीं होगा और हम अनेकता में एकता को मानते हैं.
जाति के बंटवारे को छोड़ना, एकजुट रहना जरूरी है
उमा भारती ने आगे कहा, 'इस्लाम, ईसाई, जैन और बौद्ध धर्म के होने से बहुत पहले, हिंदू अनगिनत देवी-देवताओं की पूजा करते थे. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने जातिवाद के मुद्दे पर हिंदुओं को बंटने पर समझाते हुए कहा कि हिंदुओं के लिए जाति के बंटवारे को छोड़ना और एकजुट रहना जरूरी है.
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सत्ता, शासन व प्रशासन में सभी की भागीदारी जरूरी
बकौल उमा भारती, 'हिंदू समाज में एकता के लिए, सत्ता, शासन और प्रशासन में सभी की भागीदारी होनी चाहिए. सरकारी और निजी स्कूलों, या सरकारी और निजी अस्पतालों में कोई अंतर क्यों होना चाहिए? नहीं होना चाहिए. सत्ता, शासन और प्रशासन में बराबर की भागीदारी जरूरी है.
आरक्षण मुद्दे पर बोली, 'समाज में एक लहर की जरूरत'
आरक्षण के मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए सीनियर बीजेपी लीडर उमा भारती ने कहा कि आरक्षण एक संवैधानिक जिम्मेदारी है. इसलिए अब समाज में एक लहर की जरूरत है ताकि यह पक्का हो सके कि सत्ता, शासन और प्रशासन में पदों का वजन सभी जाति और वर्गो का बराबर हो।