Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिला दंतेवाड़ा की बेटी साक्षी सुराना ने कमाल कर दिखाया है. उसने दादाजी के सपनों को पूरा करने के लिए ऊंची उड़ान भरी और पायलट बन गई. साक्षी सिर्फ जिला ही नहीं बल्कि संभाग की पहली पायलट है. इस सफलता के बाद परिवार सहित क्षेत्र के लोगों में ख़ुशी है.सबसे ख़ास बात ये है कि अलग-अलग क्षेत्रों में गीदम की बेटियों ने कमाल कर दिखाया है.पहली आईएएस,आईएफएस गीदम की बेटी बनी है, रियलिटी शो में भी इसी शहर की बेटी ने दम दिखाया है और अब गीदम की ही बेटी ने पायलट बनकर इतिहास रच दिया है.
200 घंटे की सफल उड़ान भरी
दंतेवाड़ा जिले के गीदम की रहने वाली साक्षी सुराना ने इतिहास रच दिया है. साक्षी ने 200 घंटे की सफल उड़ान भरते हुए DGCA से लाइसेंस भी प्राप्त कर लिया है. अब फ्लाइट उड़ाने से सिर्फ एक कदम की ही दूरी पर है. फिलहाल एयर इंडिया में उसने अप्लाई किया है, यदि सब कुछ ठीक रहा तो इसी साल से वह उड़ान भरने लगेगी. साक्षी कांग्रेसी नेता और प्रतिष्ठित व्यावसायी जवाहर सुराना की बेटी है. साक्षी के दादाजी स्वर्गीय रतनलाल सुराना भी कांग्रेस के कद्दावर नेता रह चुके हैं. दादी पांची देवी सुराना गीदम नगर पंचायत की अध्यक्ष रह चुकी हैं.
दरअसल साक्षी की 10 वीं तक की पढ़ाई दंतेवाड़ा की एक प्राइवेट स्कूल से हुई है. इसके बाद वह रायपुर चली गई थी.वहां से फिर हैदराबाद में पायलट की पढ़ाई करने के लिए गई.तीन सालों के कड़े संघर्ष के बाद पायलट की पढ़ाई पूरी की. इस दौरान हवाई जहाज उड़ाने से लेकर तमाम सारी तकनीकी जानकारी हासिल की.
2 लाइसेंस मिले हैं
साक्षी ने बताया कि DGCA से अलग-अलग 2 लाइसेंस भी प्राप्त हुए हैं.अब मैंने एयर इंडिया में अप्लाई किया है. इसके लिए एक एग्जाम और इंटरव्यू देना होगा जिसके बार यदि सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही फ्लाइट उड़ाऊंगी. साक्षी ने ये भी बताया कि पायलट बनने बहुत पढ़ाई करनी पड़ती है. टेक्निकल चीजों के अलावा वेदर को भी समझना पड़ता है. जब मैं ट्रेनिंग ले रही थी तो सिर्फ यही ख्याल आता था कि पिता के सपनों को पूरा करना है.
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बहन है IAS ऑफिसर
साक्षी की बहन नम्रता जैन छत्तीसगढ़ कैडर की आईएएस ऑफिसर है. नम्रता जैन, साक्षी के बुआ की बेटी हैं. दोनों ही बेटियों के बेहतर मुकाम पाने पर पूरे परिवार में हर्ष है. साक्षी की इस उपलब्धि के लिए क्षेत्र के लोग उन्हें और परिवार को बधाई दे रहे हैं. पिता जवाहर सुराना ने बताया कि बेटी साक्षी कोरोनाकाल में जब घर पर थी तो लगातार पायलट बनने की पढ़ाई के लिए सर्च करती थी. मैंने भी सोचा था कि बेटी को कुछ अलग करवाना है मेरी उम्मीदों को बेटी ने पूरा कर दिखाया है.हम सभी गौरवान्वित हैं.
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