Water Conservation Plan: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री (Madhya Pradesh Chief Minister) डॉ मोहन यादव (Dr Mohan Yadav) ने विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) के मौके पर रायसेन जिले में झिरी बहेडा स्थित बेतवा नदी (Betwa River) के उद्गम स्थल पर जल गंगा संवर्धन अभियान का शुभारंभ (Jal Ganga Sanvardhan Abhiyan) किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में माना गया है कि पृथ्वी पर्वत नदी पेड़-पौधों में जीवंतता है और वे हमारे लिए पूज्यनीय हैं. जिस प्रकार मानव देह में धमनियों के माध्यम से रक्त का संचार होता है उसी प्रकार नदियां पृथ्वी पर जीवन का संचार करती हैं. इसलिए हम सबके लिए नदियों का अक्षुण्ण निरंतर प्रवाह आवश्यक है. नदियों के प्रवाह को दूषित करना या उनमें अवरोध उत्पन्न करना जीवन में अवरोध उत्पन्न करने के समान है. इस दृष्टि से जल स्रोतों का संरक्षण (Water Conservation) मानव जीवन के लिए आवश्यक है.
“वृक्ष लगायें - धरा बचायें”
— Dr Mohan Yadav (Modi Ka Parivar) (@DrMohanYadav51) June 5, 2024
आओ मिलकर यह सृष्टि सजाएं
आज विश्व पर्यावरण दिवस से प्रारंभ 16 जून, गंगा दशहरा तक चलने वाले "जल गंगा संवर्धन अभियान" से जुड़कर अपने आस-पास की नदियों, कुओं, तालाबों, बावड़ियों और अन्य जल स्रोतों को स्वच्छ बनाने और इनको संरक्षित करने में आप भी अपना… pic.twitter.com/DwLARBtaCp
कब तक चलेगा यह अभियान?
जल गंगा संवर्धन अभियान गंगा दशहरा (Ganga Dussehra 2024) यानी 16 जून तक चलेगा अभियानअभियान का समापन 16 जून को गंगा दशहरे के अवसर पर उज्जैन (Ujjain) में होगा.
पर्यावरण दिवस के शुभ अवसर पर आज पवित्र बेतवा नदी के उद्गम स्थल पर "जल गंगा संवर्धन अभियान" का शुभारम्भ किया।
— Dr Mohan Yadav (Modi Ka Parivar) (@DrMohanYadav51) June 5, 2024
यह जल संरक्षण एवं संवर्धन के प्रयासों से लोगों को जोड़ने का अभियान है। ऐसे आयोजनों से जनता में पर्यावरण के प्रति जागृति आयेगी।#DrMohanYadav#CMMadhyaPradesh pic.twitter.com/Q3TfW6WLzw
इस अभियान में क्या होगा?
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि प्राकृतिक संसाधन ईश्वरीय देन हैं. इनकी महत्ता को स्वीकारने और उसके संरक्षण के लिए निरंतर प्रयासरत रहने के उद्देश्य से ही प्रतिवर्ष पांच जून को विेश्व पर्यावरण दिवस मनाने की परम्परा आरंभ हुई. पौधों में प्राण होते हैं इस तथ्य को सिद्ध करने वाले प्रसिद्ध वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु (Jagadish Chandra Bose) ने कहा था कि भारतीय संस्कृति पौधों को जीवंत ही मानती है और उसी संवेदनशीलता के साथ उन्हें पूज्यनीय माना जाता है.
पहले दिन कार्यक्रम स्थल पर 108 पौधों का रोपण
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि बेतवा नदी का उद्गम भोपाल के पास से ही होता है और यहां का जल गंगा बेसिन में मिलता है. मुख्यमंत्री के कार्यक्रम स्थल पहुंचने पर पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुनों के साथ कलश यात्रा निकालकर स्थानीय महिलाओं ने स्वागत किया. वहीं मुख्यमंत्री के साथ जनजातीय भाई-बहनों ने 108 पौधों का रोपण किया.
नदी जोड़ो अभियान के लिए PM मोदी का आभार
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने नदियों के संरक्षण के लिए नमामि गंगे अभियान (Namami Gange Programme) आरंभ किया. इसी प्रकार उनकी पहल पर केन-बेतवा-लिंक परियोजना के लिए 45 हजार करोड़ रूपए मध्यप्रदेश को तथा 45 हजार करोड़ रूपए उत्तरप्रदेश को उपलब्ध करवाए गए.
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि हमारे प्रदेश में कई नदियों के उद्गम स्थल हैं जो जीवन के स्त्रोत के समान महत्वपूर्ण हैं. जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत नदियों के उद्गम स्थलों के संरक्षण के लिए कार्यक्रम निरंतर जारी रहेंगे. इस अभियान के अंतर्गत जल संरचनाओं के प्रति जनजागृति और जल सम्मेलन जैसी गतिविधियां भी संचालित की जाएंगी.
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