Human Trafficking Gang Busted: मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में पिछले 48 घंटे से लापता एक मासूम बच्ची को पुलिस सुरक्षित वापस लाने में सफलता पाई है. बीते शनिवार से लापता 3 वर्षीय मासूम मानव तस्कर गिरोह के चंगुल में फंस गई थी. मासूम की तलाश के लिए पुलिस ने सैकड़ों लोगों से पूछताछ किया और आसपास के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला.
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मासूम के सुरक्षित रेस्क्यू को बड़ी उपलब्धि मान रही विदिश पुलिस
गौरतलब है विदिशा पुलिस के लिए 48 घंटे के भीतर लापता मासूम को सुरक्षित लाने को एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. विदिशा पुलिस की तत्परता से मिली सफलता की अब हर कोई तारीफ कर रहा है. विदिशा पुलिस की तेजी ने मानव तस्करी गिरोह के चंगुल में फंसी मासूम को बचाने बड़ी भूमिका निभाई, जिससे एक बड़ा हादसे को टालने में सफलता मिली.
बिना सुराग गिरोह के चंगुल से मासूम को छुड़ाने में सफल रही
रिपोर्ट के मुताबिक तीन साल बच्ची गत 7 दिसंबर की दोपहर अचानक गायब हो गई थी. अचानक लापता हुई मासूम को किसी ने नहीं देखा था और किडनैपर को लेकर पुलिस के हाथ कोई सुराग भी नहीं लगा था. इस बड़ी चुनौती के बावजूद विदिशा ने अथक प्रयास करते हुए मानव तस्कर गिरोह के चंगुल से मासूम को छुड़ाने में सफल रही.
विदिशा पुलिस के पास लापता मासूम की तस्वीर तक नहीं थी
बताया जाता है मानव तस्कर गिरोह द्वारा अगवा की गई मासूम की तस्वीर तक विदिशा पुलिस के पास नहीं था. पुलिस की टीम ने सिर्फ हुलिये और कपड़ों के आधार पर मासूम की खोज अभियान शुरू किया. शहर के अलग-अलग इलाकों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए और सैकड़ों लोगों से पूछताछ की गई. उसके संभावित रूट्स पर टीम को लगाया गया.
पुलिस टीम ने चार अन्य बच्चों का भी सुरक्षित रेस्क्यू किया
पुलिस के मुताबिक मानव तस्कर गिरोह के चंगुल से लापता मासूम के साथ चार अन्य मासूमों के रेस्क्यू किया गया, जिन्हें गुर्गों ने अपने पास रखा हुआ था. पुलिस ने कार्रवाई के दौरान वहां मौजूद गिरोह के चार गुर्गों को भी गिरफ्तार करने में सफलता पाई है गिरफ्तार लोगों की शिनाख्त क्रमशः अर्जुन पाल, हरिबाई, जितेंद्र पाल और रवि पाल के रूप में हुई है.
'48 घंटे में बच्ची को सुरक्षित निकालना टीम की प्राथमिकता थी'
उल्लेखनीय है गिरोह के चंगुल से छुड़ाई गई बच्ची को मेडिकल जांच के बाद उसके दादा-दादी के सुपुर्द कर दिया. मासूम को वापस पाकर परिजनों ने पुलिस के प्रयास की सराहना की है. पुलिस की सफलता पर प्रतिक्रिया देते हुए पुलिस अधीक्षक रोहित काशवानी ने कहा कि पिछले 48 घंटे में बच्ची को सुरक्षित निकालना हमारी टीम की प्राथमिकता थी.